सड़कों पर जलती लाशे
हादसा या साजिश
शीतल रॉय
कालानी नगर से बड़ा गणपति करीब दो किलोमीटर मौत की वह रफ्तार जिसने भी देखी वह सहम गया…सड़कों पर जलती लाश का खौफनाक मंजर रूह कांपा देने वाला था …इंदौर की सड़कों पर मौत का ट्रक, क्या महज एक हादसा था या साजिश?क्योंकि घटना पूरी एक फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह है कालानी नगर का वह क्षेत्र हमेशा वीआईपी मूमेंट के लिए जाना जाता है।एयरपोर्ट होने की वजह पुलिस की सख्ती इतनी रहती है कि कोई भी संदिग्ध वाहन पुलिस जांच के बिना नहीं गुजर सकता खासकर ट्रक वह भी उस वक्त जब देश के प्रधानमंत्री का दौरा हो और मोदी जी की सुरक्षा के मद्दे नजर पुलिस की सुरक्षा सख्त हो, ऐसे में एक ट्रक नो एंट्री एरिया में मौत की रफ्तार से दो किलोमीटर तक मौत का तांडव करता है और सी सी टीवी कंट्रोलर को पता ही नहीं, चौराहे पर तैनात जवान भी आने देते है।क्या यह महज एक हादसा है या प्रधानमंत्री को कोई मैसेज है,यह जांच का विषय है मामला हादसा तो नहीं हो सकता क्योंकि जब भी भीड़ वाली जगह पर कोई हादसा होता है तो ड्राइवर ज्यादातर गाड़ी छोड़कर मौके से भाग जाते है, य सरेंडर कर देते है, मानव बम बनकर भीड़ को रौंदते हुए मौत की रफ्तार बनकर नहीं भागते ,इस घटना में अभी तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है कई गम्भीर घायल है,और आरोपी को यह तक याद नहीं की वह मौत का ट्रक चला रहा था।आरोपी ने जिस हिसाब से शराब पी थी उससे तो यही लगता है कि एक साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया क्योंकि शराब के नशे में धुत होकर गाड़ी चलाने से आरोपी को फायदा मिल जाएगा।इंदौर पुलिस के क्या कहने शनिवार रविवार शाम ढलने से लेकर रात तक इंदौर पुलिस हर चौराहे पर मदिरापान परीक्षण यंत्र लेकर आम नागरिकों के मुंह पर ऐसे ठूंसती है जैसे शराब की महामारी से प्रलय रोकने का जिम्मा इनके कंधे पर है।यह मौत का ट्रक आसानी से प्रतिबंधित रोड पर घुसता भी है, और ड्राइवर भी फूल टु नशे में , किसी जिम्मेदार वर्दीधारी ने न इसको रोका और न शराब परीक्षण यंत्र आरोपी के मुंह में ठूसा जिसका खामियाजा इंदौर की निर्दोष जनता को भुगतना पड़ा स्वक्षता का डंका बजाने वाले इंदौर शहर की सड़कों पर जलती लाशे … जान बचाते लोग… इक्ट्ठा करते लाश के टुकड़े.. सड़कों पर दौड़ती मौत की रफ्तार.. की कीमत सिर्फ चंद पुलिसकर्मियों का निलंबन … यह कैसा न्याय यह कैसी व्यवस्था, कहने को मुख्यमंत्री घायलों से मिलने हॉस्पिटल गए एक्सरे तो ऐसे देखे जितना डॉक्टर भी नहीं देखते मृतकों के परिवार को मुआवजा भी दे दिया घायलों को निःशुल्क उपचार भी हो जाएगा पर सिस्टम का क्या जो हॉस्पिटल में नवजात शिशुओं को चूहों से कुतरा दे रोड पर लाशे जलवा दे उस सिस्टम का क्या … पूछता है इंदौर

















