पश्चिम बंगाल के मायापुर में बन रहे विश्व के सबसे बड़े इस्कान मंदिर में उज्जैन में बनी श्रील प्रभुपादजी की मूर्ति प्रतिष्ठित होगी। श्रील प्रभुपादजी के साथ उनके चार गुरुओं की मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी। इन मूर्तियों की खास बात यह है कि यह सैंकड़ों साल तक खराब नहीं होती है। इन सभी मूर्तियों का नर्माण रियलस्टिक मूर्तिकार अमल भक्तदास प्रभुजी ने किया है।
उज्जैन के इस्काॅन मंदिर में विश्व का पहला रियलस्टिक मूर्ति निर्माण संस्थान है, जहां बनी हुई मूर्तियां देश विदेश के कोने-कोने में भेजी जाती हैं। इसका संचालन रियलस्टिक मूर्तिकार अमल भक्तदास प्रभु द्वारा किया जाता है। उनके हाथों के जादू का ही कमाल है कि मार्बल डस्ट से निर्मित मूर्तियां सजीव लगती हैं।
भक्तों को इन मूर्तियों को देखकर जीवंत होने का आभास होता है। यही कारण है कि देश और विदेश में कहीं भी श्रील प्रभुपादजी अथवा इस्कान के अन्य गुरुओं की मूर्ति प्रतिष्ठित करना हो, मूर्ति का निर्माण उज्जैन इस्कान मंदिर में ही होता है।