भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। आदिवासी उत्पीड़न, महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर विपक्षी विधायकों ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा करना शुरू कर दिया। बार-बार हंगामे की स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने दोपहर बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही पांच दिन का मानसून सत्र महज दो दिन में ही खत्म हो गया। 15 जुलाई तक चलना था सदन। इस बीच अनुपूरक बजट भी हंगामे के बीच ही हुआ पारित।
कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के पहले पूरक कार्यसूची भी लायी गयी और सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश करने के साथ ही उन्हें पारित कराने की औपचारिकता पूरी की गयी। इस दौरान सदन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष पहुंचकर लगभग आधा घंटे तक नारेबाजी करते रहे, जिससे कुछ भी साफ तौर पर सुनायी नहीं दिया। विपक्षी सदस्य सीधी कांड के जरिए आदिवासियों पर अत्याचार, श्री महाकाल लोक निर्माण में कथित भ्रष्टाचार और भोपाल स्थित प्रमुख सरकारी इमारत सतपुड़ा भवन में आग लगने जैसी घटनाओं को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। वहीं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और कुछ अन्य मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक भी सरकार के पक्ष में बोलते हुए दिखे।
इससे पहले मानसून सत्र के दूसरे दिन भी एक कांग्रेसी विधायक ने विरोध प्रदर्शन का अनूठा तरीका अपनाया। विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे कांग्रेस के अदिवासी विधायक फुंदेलाल मार्को सिर पर टोपी और कंबल का कोट पहनकर पहुंचे। उन्होंने सत्ताधारी दल भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी विधायक सत्ता के नशे में हैं। कभी भी हमारे ऊपर पेशाब कर सकते हैं। इसीलिए हमने यह तरीका अपनाया है।
बता दें कि मंगलवार को मानसून सत्र के पहले दिन रैगांव से कांग्रेस विधायक सब्जियों के आसमान छूते दामों पर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने और महंगाई पर विरोध जताने के लिए टमाटर, मिर्ची की माला पहनकर विधानसभा पहुंची थीं।