महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए उन्हें सुरक्षित वातावरण देना जरूरी : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

To give equal status to women, it is necessary to give them a safe environment: Chief Minister Shivraj Singh

 

भोपाल, 28 जुलाई| मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि आधी आबादी के साथ न्याय के बिना न देश आगे बढ़ सकता है न समाज। बहन बेटियों की झिझक टूटे, उनका आत्मविश्वास और सम्मान बड़े इसी उद्देश्य से पुलिस बल में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ लाड़ली लक्ष्मी, कन्या विवाह जैसी योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ किए गए। जब तक हम बहन-बेटी को समाज में बराबरी पर लाकर नहीं खड़ा कर देते, तब तक हम चैन की सांस नहीं लेंगे। इसमें महिला सुरक्षा सबसे अहम है। अपराधियों में भय पैदा करने महिला हेल्प डेस्क को वाहन उपलब्ध कराकर गतिशील बनाने और महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव विकसित करने के लिए आरंभ किया गया “अभिमन्यु अभियान”, महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रदेश के थानों में काम कर रही उर्जा महिला हेल्प डेस्क की महिला पुलिस कर्मियों को दोपहिया वाहन प्रदान करने के लिए मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंहने 250 महिला पुलिस कर्मियों की स्कूटर रैली को फ्लैग ऑफ किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के प्रति पुरुषों को जागरूक करने तथा महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने के उद्देश्य से संचालित अभिमन्यु अभियान की पुस्तिका “अभिमन्यु” का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बहन-बेटियों का आत्मविश्वास और सम्मान बढ़ेगा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि बेटा-बेटी में भेद और घरेलू हिंसा की विकृत सोच को बदलने की जरूरत है। पुलिस में 30% महिलाओं की भर्ती से पीड़ित महिलाओं को थानों में अपनी व्यथा बयान करने और उस पर कार्रवाई कराने में मदद मिली है। महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम क्रूर नहीं हैं, किंतु प्राय: यह देखा गया है कि बुरी प्रवृत्ति के लोग कड़ी कार्यवाही के बिना मानते नहीं है, अपराधियों में भय पैदा करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने महिला पुलिस कर्मियों का आव्हान किया कि वे आंतरिक देवत्व को जागृत कर दुर्जनों पर कार्यवाही करें और बहन बेटियों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने में सहयोगी बने। इससे बहन-बेटियों का आत्मविश्वास और सम्मान बढ़ेगा और पुलिसकर्मियों की यश और कीर्ति का विस्तार होगा।

महिला सुरक्षा के लिए संचालित अभियानों को निरंतर चलाना जरूरी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि ऑपरेशन मुस्कान जैसे महिला सुरक्षा के लिए संचालित किए जाने वाले अभियानों को निरंतर चलाने की आवश्यकता है। अभिमन्यु अभियान महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने और बच्चों व युवाओं में संस्कार विकसित करने में सहायक होगा।

संकल्प को धरातल पर उतारना कहलाता है सिद्धि – गृह मंत्री डॉ. मिश्रा

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि संकल्प को धरातल पर उतारना सिद्धि कहलाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिलाओं के सशक्तिकरण का जो संकल्प लिया है उसे लगातार वे धरातल पर उतारते जा रहे हैं। जब वे मुख्यमंत्री नहीं थे तब से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये कार्य कर रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना से लेकर लाड़ली बहना तक महिलाओं के आत्मबल को बढ़ाने के लिये जो कार्यक्रम किये जा सकते हैं, वे सभी उन्होंने किये है। प्रदेश में महिलाओं को नौकरियों में आरक्षण के साथ पंचायती राज संस्थाओं में सहभागिता भी सुनिश्चित की है। बेटियों के मान सम्मान के साथ प्रदेश के वातावरण को उनके लिये सुरक्षित बनाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं। जब बेटियों के हाथ में डंडा होता है, तो बाकी मौजूद बेटियाँ स्वयं को सुरक्षित समझती हैं, उनका आत्मबल भी बढ़ता है। महिला पुलिस की उपस्थिति में शक्ति मिलती है। मध्यप्रदेश में ही महिला अपराधों को नियंत्रित करने के लिये दुष्कर्मियों को फाँसी की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में “ऊर्जा महिला हैल्प डेस्क” की बेटियों को प्रदाय की गई स्कूटियाँ निश्चित ही महिला अपराध रोकथाम में सहायक होंगी।

To give equal status to women, it is necessary to give them a safe environment: Chief Minister Shivraj Singh

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पुलिस बैंड पर बज रही “मध्यप्रदेश पुलिस हैं हम”, “यह भारत देश है मेरा” और “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा” गानों की धुन पर 250 दोपहिया वाहनों की रैली को फ्लैग ऑफ किया। कार्यक्रम के आरंभ में पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को स्मृति-चिन्ह भेंट किया तथा निर्भया फंड के माध्यम से महिला थानों में स्थापित हेल्प डेस्क की गतिविधियों की जानकारी दी।

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