वास्तु शास्त्र में घर के साथ-साथ जीवनशैली को लेकर भी कई तरह के नियम बताए गए हैं। जाग्रत अवस्था के समय हम कई नियमों का पालन करते हैं, लेकिन सोते समय कुछ नियमों को भूल जाते हैं। इन नियमों का पालन न करने का असर आपके स्वास्थ्य और नींद पर पड़ता है। अक्सर बिना नियम के सो जाने से सुबह जागने पर आलस्य और थकावट जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। सोते समय दिशाओं का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। सिर और पैर की दिशा का प्रभाव हमारी मानसिक स्थिति और स्वास्थ्य पर पड़ता है। वास्तु शास्त्र में हर कार्य को लेकर नियम बताए गए हैं।
पूर्व दिशा
पूर्व दिशा में सिर करके सोने से बुद्धि तेज होती है। विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से इस दिशा को उपयोगी बताया गया है।
पश्चिम दिशा
पश्चिम दिशा में सिर करके सोना वास्तु शास्त्र में वर्जित माना गया है। इस दिशा में सिर करके सोने से कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं।
उत्तर दिशा
उत्तर दिशा में सिर करके सोना वास्तु शास्त्र में वर्जित माना गया है। वास्तु शास्त्र के नियम के अनुसार उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने से स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
दक्षिण दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से धन और सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। इस तरह से सोने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनता है।
इन नियमों का करें पालन
-बिस्तर को कभी दीवार से चिपका कर नहीं बल्कि थोड़ी दूरी पर रखना चाहिए।
-बेडरूम का दरवाजा दक्षिण और पश्चिम दिशा में हो तो अपना बेड दरवाजे के सामने न रखें, क्योंकि दरवाजे से आने वाली नकारात्मक हवाएं निद्रा को भंग कर सकती हैं।
-सोते समय सिर के पास मोबाइल फोन नहीं रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार सकारात्मक तरंगे मोबाइल के हानिकारक विकिरण से खंडित हो जाती हैं।