वाघ नख का उपयोग अफजल खान पर विजय पाने के लिए किया गया था
दिल्ली। देश की राजधानी नई दिल्ली में हुई जी-20 समिट में भारत को एक बड़ा गिफ्ट मिला है। देश की ऐतिहासिक धरोहर छत्रपति शिवाजी का वाघ नख ब्रिटेन से वापस भारत आएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने यह जानकारी साझा करते हुए इसे एक बड़ी कामयाबी बताया है।
जी-20 समिट के दौरान केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर जानकरी दी कि भारत की गौरवशाली विरासत वापस लौट रही है, अब आप इतिहास बनते देखने के लिए तैयार रहिए। मराठा राजा छत्रपति शिवाजी का वाघ नख ब्रिटेन से वापस आने वाला है। संस्कृति मंत्रालय ने खुशी जताते हुए कहा कि देश के अपनी ऐतिहासिक धरोहर को वापस पा लिया है। छत्रपति शिवाजी का इस वाघ नख का उपयोग अफजल खान पर विजय पाने के लिए किया था।
अक्टूबर में लंदन जाएंगे अधिकारी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई) के अधिकारी अक्टूबर माह की पहली तारीख को लंदन जा रहे हैं। इस दौरान वे वहां शिवाजी के वाघ नख को वापस लाने के लिए एक एमओयू पर साइन करेंगे। अभी यह वाघ नख ब्रिटेन में विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में है।
200 से ज्यादा ऐतिहासिक धरोहरों को वापस लाए
केंद्र सरकार 9 वर्षों के अंदर विदेश से 240 ऐतिहासिक धरोहरों को वापस लेकर आई है। इसके साथ ही करीब 72 कलाकृतियों को उनके देशों को भी सौंपा जा रहा है। वापस लाई गई ऐतिहासिक धरोहरों में भगवान नटराज की 1100 वर्ष पुरानी मूर्ति के साथ नालंदा संग्रहालय से गायब हुई 12वीं सदी की भगवान बुद्ध की मूर्ति भी शामिल है।