दिन में गर्मी, सुबह-शाम ठंड, बदलते मौसम के कारण बढ़ रहा वायरल संक्रमण, सावधानी जरूरी वर्तमान में मौसम में बार-बार बदलाव हो रहा है। दिन में धूप के कारण गर्मी व सुबह व शाम ठंड का माहौल रहता है। बदले मौसम के कारण वायरल संक्रमण बढ़ रहे हैं। इसके कारण लोगों में श्वास संबंधित बीमारी भी हो रही है। श्वसन रोग विशेषज्ञ का कहना है कि अभी कई लोगों में वायरल के कारण खांसी, बुखार व सर्दी के लक्षण के दिखाई दे रहे हैं। कई मरीज डेंगू व पेट के संक्रमण से भी ग्रसित हैं। वर्तमान में नमी कम होने के कारण धूल के कण वायुमंडल में उड़ते रहते हैं। इससे लोगों को एलर्जी व अस्थमा की शिकायतें बढ़ जाती है। इस तरह की अनदेखी न करें यदि किसी को तेज बुखार, बदन में दर्द या श्वास लेने में कोई परेशानी हो या शरीर पर चकत्ते हो रहे हों तो तुरंत चिकित्सक का परामर्श लिया जाना चाहिए। कई बार लोग इसे सामान्य सर्दी-जुकाम व वायरल फीवर मानकर दवाएं लेते रहते हैं और रक्त की जांच भी नहीं करवाते हैं। इस तरह की अनदेखी के कारण मरीजों के प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती और आक्सीजन का लेवल कम होने भी परेशानी बढ़ सकती है। चेहरे पर मास्क, स्कार्फ पहनें या हेलमेट लगाएं इस मौसम में पौष्टिक भोजन करना चाहिए। जिन लोगों को अस्थमा या एलर्जी की शिकायत है, वो घर से बाहर निकलते समय चेहरे पर मास्क, स्कार्फ या वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग करे। इससे धूल के संक्रमण से बच सकेंगे। बुजुर्ग या अन्य किसी व्यक्ति को यदि डायबिटीज या अन्य कोई बीमारी है तो उससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। ऐसे मौसम में उन्हें भी विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

Heat during the day

 

वर्तमान में मौसम में बार-बार बदलाव हो रहा है। दिन में धूप के कारण गर्मी व सुबह व शाम ठंड का माहौल रहता है। बदले मौसम के कारण वायरल संक्रमण बढ़ रहे हैं। इसके कारण लोगों में श्वास संबंधित बीमारी भी हो रही है।

श्वसन रोग विशेषज्ञ का कहना है कि अभी कई लोगों में वायरल के कारण खांसी, बुखार व सर्दी के लक्षण के दिखाई दे रहे हैं। कई मरीज डेंगू व पेट के संक्रमण से भी ग्रसित हैं। वर्तमान में नमी कम होने के कारण धूल के कण वायुमंडल में उड़ते रहते हैं। इससे लोगों को एलर्जी व अस्थमा की शिकायतें बढ़ जाती है।

इस तरह की अनदेखी न करें

यदि किसी को तेज बुखार, बदन में दर्द या श्वास लेने में कोई परेशानी हो या शरीर पर चकत्ते हो रहे हों तो तुरंत चिकित्सक का परामर्श लिया जाना चाहिए। कई बार लोग इसे सामान्य सर्दी-जुकाम व वायरल फीवर मानकर दवाएं लेते रहते हैं और रक्त की जांच भी नहीं करवाते हैं। इस तरह की अनदेखी के कारण मरीजों के प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती और आक्सीजन का लेवल कम होने भी परेशानी बढ़ सकती है।

चेहरे पर मास्क, स्कार्फ पहनें या हेलमेट लगाएं

इस मौसम में पौष्टिक भोजन करना चाहिए। जिन लोगों को अस्थमा या एलर्जी की शिकायत है, वो घर से बाहर निकलते समय चेहरे पर मास्क, स्कार्फ या वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग करे। इससे धूल के संक्रमण से बच सकेंगे। बुजुर्ग या अन्य किसी व्यक्ति को यदि डायबिटीज या अन्य कोई बीमारी है तो उससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। ऐसे मौसम में उन्हें भी विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

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