भाजपा की लेबोरेट्री में तैयार हो रहा नया रसायन !

 

– महज तीन सप्ताह में दूसरी बार ग्वालियर पहुंचे मोदी

– केंद्रीय मंत्री अमित शाह सिंधिया के महल में भोजन के लिए पहुंचे थे

– जुलाई में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी जयविलास पैलेस का आतिथ्य स्वीकार किया।

सोर्स
दैनिक दोपहर मेट्रो

अर्थात्
आशीष दुबे (संपादक) दैनिक दोपहर मेट्रो

मध्यप्रदेश में चुनावी टिकट सूची की दौड़, होड़ और शोर इस कदर है कि एक घटनाक्रम लगभग अनदेखा सा रह गया। यह था- ग्वालियर में पीएम नरेंद्र मोदी की एक ‘निजी कार्यक्रम में शिरकत, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी भी थी। मगर मोदी के फोकस में थे ज्योतिरादित्य सिंधिया, महज तीन सप्ताह में दूसरी बार ग्वालियर पहुंचे मोदी का कल शाम सिंधिया स्कूल के जलसे में शामिल होना और करीब दो घंटे देना राजनीतिक रूप से ऐसे ‘कथानक की प्रस्तावना’ है, जिसके अध्याय अगले कुछ सप्ताहों या महीनों में लिखे जा सकते हैं। भाजपा कुछ सुदूर राज्यों में ऐसे कथानक रच भी चुकी है।

गौरतलब यह है कि सिंधिया अभी मप्र में भाजपा की राजनीति में अपेक्षाकृत नये हैं, उनकी भाजपा में आमद भी हाइकमान की देखरेख में हुई। इसीलिए जब भी वे राजनीतिक रूप से मुश्किल में या भाजपा के मप्र के दिग्गजों के बीच फंसे दिखे तो ‘दिल्ली ने ही उन्हें ‘एयरलिफ्ट’ किया है। अब जबकि मप्र में विधानसभा चुनाव का रण बेहद तीखा है तथा भाजपा के ही ‘अंदरखानों में सिंधिया की स्वीकार्यता को लेकर पुरानी बातें नये सिरे से सरगोशी कर रही हैं, तब मोदी ने फिर सिंधिया को “एलिवेट’ किया है। ग्वालियर किले की पहाड़ी पर बने सिंधिया स्कूल के कार्यक्रम में करीब बीस मिनट तक सिंधिया राजपरिवार के काशी तक किए गए कार्यों का बखान व अपनी नातेदारी भी सिंधिया से जोड़कर उन्होंने मप्र भाजपा को कुछ संदेश साफतौर पर दिये हैं। यह भी उस वक्त, जब मप्र में भाजपा हाइकमान अपने भावी चेहरे को लेकर चुप है और नये चेहरों के प्रयोगों पर आमदा है।

मोदी के सिंधिया स्कूल में पहुंचने से पहले की ‘क्रोनोलॉजी’ भी गौरतलब है। सबसे पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह सिंधिया के महल में भोजन के लिए पहुंचे थे और काफी वक्त बिताया। तब भी भाजपा के अंदरखाने कई तरह की दबी- सहमी प्रतिक्रियाएं थीं। इस बीच बीती जुलाई में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी जयविलास पैलेस का आतिथ्य स्वीकार किया। बहरहाल, क्या भाजपा की लेबोरेट्री में नया रसायन तैयार हो रहा है? यह सवाल इस मायने में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि केंद्र की राजनीति में मप्र के बाकी तमाम चेहरे इस वक्त विस चुनाव में ‘टेस्टिंग’ पर हैं।

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