भोपाल, राजधानी की सड़कों पर जितनी टू व्हीलर नही दिखते उससे ज्यादा तो ई रिक्शा (सवारी और लोडिंग दोनों) दिखने लगे हैं, इनके लिए कोई कठोर नियम नहीं है और ना कानून। ये ना रोड देखते हैं ना ट्रेफिक, जहां मर्जी वहां घुस जाते हैं, आधे से ज्यादा रिक्शा तो नाबालिग चला रहे हैं , बचपना जानलेवा हादसे का कारण बन रहा है। कई बार देखा गया है ई रिक्शा चालक नशे में भी रहते हैं, जो ट्रैफिक पुलिस को पुलिस को मुंह चिढ़ाते हवा में उड़ते दिखाई देते है और ड्राइवर को कोई याद दिला भी दे की भैया धीरे चलाओ तो एक ही रटा रटाया जवाब दिया जाता है कि हम रोज चलते है हमें नहीं सिखाओ। पुलिस भी इन पर कार्यवाही करने से बचती है।
लेकिन नतीजा सबको मालूम है मेन रोड तो छोड़िए शहर की गलियों में तो इनकी धमाचौकड़ी चलती है। नाबालिग हादसे का कारण बन रहे है।