केंद्रीय मंत्री अमित शाह की जबलपुर में मैराथन बैठक के एक दिन बाद ही बीजेपी के महानगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने इस्तीफा देकर एमपी की राजनीतिक में धमाका कर दिया है. साहू ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को इस्तीफा प्रेषित करते हुए इसकी जानकारी जबलपुर में प्रेस कांफ्रेंस करके दी. कहा जा रहा है कि पिछले दिनों बीजेपी के संभागीय दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले में प्रभात साहू खिलाफ अलाकमान को शिकायत की गई थी.
प्रभात साहू ने आज रविवार को अपने इस्तीफा का ऐलान करते हुए खुद को इस मामले में निर्दोष बताया और पार्टी आलाकमान के रवैये पर भी उंगली उठाई.साहू ने दुखी मन से कहा, “1980 से पार्टी से जुड़ा रहा.बहुत सारे अनुभव मिले है.43 साल के सफर में बहुत से उतार- चढ़ाव देखे.पार्टी अध्यक्ष पद संभाला था,तब भी कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की.”
बीजेपी के नाराज नेता प्रभात साहू ने कहा कि 21 अक्टूबर को पार्टी के संभागीय कार्यालय में हुई विरोध की घटना का आरोप मेरे ऊपर लगा.21 अक्टूबर को प्रदर्शन करने वालों को हमारे केंद्रीय नेतृत्व अमित शाह जी से मिलवाया गया.जिन पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई होना थी,उन्हें भाजपा कार्यालय में बुलाया गया.अमित शाह जी से पांच मिनट अलग से बातचीत करवाई गई.जिन लोगों के कारण भारतीय जनता पार्टी के संभागीय कार्यालय में हंगामा हुआ,उन्हें बुलाकर आश्वासन दिया गया.इससे मैं आहत हूं.”
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी दफ्तर में हुए हंगामे को लेकर जबलपुर के एक बड़े नेता ने महानगर अध्यक्ष प्रभात साहू की आलाकमान से शिकायत की थी.शनिवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह की बैठक के दौरान प्रभात साहू की जमकर खिंचाई हुई.प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने प्रभात साहू से यह तक कह दिया कि 17 नवम्बर के बाद आपको हटा दिया जाएगा.इसी दौरान जबलपुर की उत्तर-मध्य सीट से टिकट कटने से नाराज भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया की मुलाकात केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी करवाई गई.धीरज पटेरिया ने साल 2018 में भी बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और 30000 से अधिक वोट हासिल किए थे.इससे भाजपा के पूर्व मंत्री शरद जैन चुनाव हार गए थे.
जबलपुर एक के एक बड़े नेता से लंबे समय से चल रहे शीत युद्ध और पार्टी दफ्तर में हंगामा की घटना के बाद प्रभात साहू अलाकमान के निशाने पर थे.चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने तो घटना के तुरंत बाद उन्हें हटाने की सिफारिश केंद्रीय नेतृत्व से की थी लेकिन चुनाव लड़ रहे एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उन्हें बचा लिया. संभागीय बैठक में अमित शाह की मौजूदगी में हुए घटनाक्रम से आहत महानगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने आज इस्तीफे का बड़ा फैसला ले लिया.