Union Budget 2024: तीन महीने बाद होने वाले के लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) से पहले मोदी सरकार संसद में पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट (Interim Budget) में सैलरीड (Salaried) से लेकर पेंशनधारकों (Pensioners) को महंगाई से राहत देने के लिए टैक्स छूट के मोर्चे पर बड़ी सौगात दे सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharamann) एक फरवरी, 2023 को पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर सकती हैं.
दोनों ही टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा!
स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी इसलिए भी किया जा सकता है क्योंकि इसका फायदा दोनों ही पुराने या नए इनकम टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने वाले टैक्सपेयर्स को मिल सके. एक फरवरी 2023 को पेश किए बजट में वित्त मंत्री ने नए टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने वाले सैलरीड और पेंशनधारकों को भी स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ देने की घोषणा की थी. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पेश किए गए बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को लागू किया गया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 तक टैक्सपेयर्स ट्रांसपोर्ट अकाउंस के मद में 19,200 रुपये और मेडिकल बिल के मद में 15,000 रुपये सालाना खर्च किए जाने पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते थे. हालांकि इस खर्च पर टैक्स छूट पाने के लिए टैक्सपेयर्स को बिल जमा करना होता था. लेकिन साल 2018 में पेश किए बजट में इन दोनों प्रावधानों की जगह सीधे स्टैंडर्ड डिडक्शन को लागू किया गया जिससे टैक्सपेयर्स को कागजात जमा करने के बोझ से मुक्त किया जा सके.
स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी की तैयारी!
सैलरीड क्लास और पेंशनर्स 40,000 रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर टैक्स छूट हासिल कर सकते थे जिसके लिए कोई कागज जमा करने की जरुरत नहीं थी. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम करने की लिमिट को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया. अब चुनावों से पहले पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट में फिर से मोदी सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर सकती है.
चुनावी लाभ लेने की तैयारी
एक फरवरी 2024 को वित्त मंत्री जो बजट पेश करेंगी वो फुल नहीं बल्कि अंतरिम बजट है. परम्परा रही है कि अंतरिम बजट में सरकार टैक्स छूट देने के मोर्चे पर कोई बड़े फैसले नहीं लेती है. लेकिन देश में कमरतोड़ महंगाई से आम लोगों को राहत दिलाने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को सरकार बढ़ा सकती है जिससे दोनों ही प्रकार के टैक्स रिजीम चुनने वाले टैक्सपेयर्स इसका लाभ ले सकें और मोदी सरकार को लोकसभा चुनावों में इस फैसले का चुनावी लाभ मिल सके.