PM Modi : अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर का आज (बुधवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे। वह मंदिर में पहुंच चुके हैं। उन्होंने बड़ी ही आत्मीयता के साथ मंदिर के पुजारी को गले लगाया। इस मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया है। इस मंदिर के लिए 27 एकड़ जमीन सरकार ने दी थी। इसकी ऊंचाई 108 फीट है। मंदिर के उद्घाटन का समारोह 6 बजे से शुरू होगा।
पीएम मोदी यूएई के अबू धाबी में बीएपीएस मंदिर पहुंच गए हैं। उन्होंने इस दौरान गुलाबी कलर की कुर्ता-धोती पहली है। उन्होंने इसके ऊपर हाफ जैकेट भी पहनी हुई है।
यह जीवन का ऐतिहासिक क्षण- शंकर महादेवन
अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर बीएपीएस मंदिर पर गायक-संगीतकार शंकर महादेवन ने कहा कि यह भारत और दुनिया भर के सभी भारतीयों के लिए बेहद खुशी का क्षण है। यह हमारे जीवन का एक ऐतिहासिक क्षण है जिसके हम गवाह बनने जा रहे हैं। एक मंदिर जो अबू धाबी जैसी भूमि पर बहुत भव्य और आध्यात्मिक है। केवल हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही इसे क्रियान्वित कर सकते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात में पूर्व भारतीय राजदूत नवदीप सूरी ने कहा कि मुझे लगता है कि यह भारतीय समुदाय के लिए, संयुक्त अरब अमीरात में मौजूद विशाल भारतीय प्रवासियों के लिए एक बहुत ही बड़ा दिन है। कई वर्षों से यह उनके लिए एक आध्यात्मिक आवश्यकता, एक धार्मिक आवश्यकता रही है।
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि 2015 में जब प्रधानमंत्री पहली बार यहां आए थे, तो उन्होंने अबू धाबी के तत्कालीन राजकुमार शेख मोहम्मद बिन जायद से अनुरोध किया था कि अगर मंदिर के लिए कुछ जमीन दी जा सके तो अच्छा होगा। जल्द ही इसके बाद मैं एक राजदूत के रूप में यहां आया और वास्तव में जमीन प्राप्त करने का काम शुरू कर दिया। हमें शुरुआत में साढ़े 13 एकड़ जमीन मिली। उसके बाद हमें पार्किंग के लिए और साढ़े 13 एकड़ जमीन मिली।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जब हम अबू धाबी में अद्भुत हिंदू मंदिर का जश्न मनाते हैं, तो हम इसके निर्माण में बापस्वामीरन संप्रदाय के काम, ऊर्जा और संगठन का जश्न मना रहे हैं। यूएई वास्तव में कार्यों के माध्यम से निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा है। इस देश में रहने वाले कई अलग-अलग समुदायों के बीच धार्मिक सद्भाव है।
भारत-यूएई संबंधों उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की 7वीं यात्रा है। यह हमारे सबसे गतिशील संबंधों में से एक होने का एक उदाहरण है। मुझे वास्तव में लगता है कि इस तरह के व्यक्तिगत संबंध, जिस तरह का विश्वास स्थापित हुआ है, जिस तरह की गर्मजोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख मोहम्मद बिन जायद के बीच स्थापित हुई हैं। वह इस रिश्ते को आगे बढ़ा रही है।