Himachal News: हिमाचल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर सचिन पायलट का बड़ा बयान

 

Himachal Pradesh Rajya Sabha Election Result: हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के चुनाव हारने पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों ने वोट नहीं दिया. पार्टी ने पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं जो जल्द ही शिमला पहुंच रहे हैं, वे सभी से बात करेंगे. मामला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

दरअसल, मंगलवार (27 फरवरी) को हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा का चुनाव करवाया गया था, जिसमें बीजेपी के प्रत्याशी हर्ष महाजन ने कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया. ऐसा हिमाचल की इतिहास में पहली बार हुआ, जब सत्ता दल का राज्यसभा सांसद चुनकर दिल्ली नहीं जा रहा है.

बीजपी प्रत्याशी ने की जीत दर्ज

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने खेल कर दिया है. बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन ने जीत दर्ज की है. कुल 68 में से 34 वोट कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के पक्ष में पड़े, जबकि अन्य 34 वोट बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में पड़े.

इसके बाद नियम ड्रॉ ऑफ लॉट्स के तहत पर्ची निकाली गई. इस पर्ची में बीजेपी प्रत्याशी महाजन का नाम निकला और उनको विजयी घोषित किया गया. इस जीत के साथ ही वह हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद के तौर पर दिल्ली जाएंगे.

सचिन पायलट ने क्या कहा?

कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मुन सिंघवी के चुनाव हारने पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने हिमाचल में कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में मिली हार को लेकर कहा कि कांग्रेस के कुछ विधायकों ने पार्टी के उम्मीदवार को वोट नहीं दिया. जिस वजह से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि पर्टी ने पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं और मामला बहुत जल्द सुलझा लिया जाएगा.

प्रियंका गांंधी ने क्या कहा?

तो वहीं हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की भी प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था कि लोकतंत्र में आम जनता को अपनी पसंद की सरकार चुनने का अधिकार है |

Previous articleपीएम मोदी ने शेयर किया सचिन तेंदुलकर की कश्‍मीर यात्रा , बर्फबारी के साथ कश्मीरी खानपान का लुत्फ उठाया
Next articleMP CM News: उज्जैन रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 1 और 2 मार्च