Lok Sabha Chunav 2024: बुंदेलखंड में आने वाली चारों लोकसभा सीटों में इस बार मुकाबला दिलचस्प है। भाजपा ने दो सीट सागर और दमोह में नया चेहरा उतारा है तो कांग्रेस ने सभी सीटों पर नए उम्मीदवार दिए हैं। भाजपा ने सागर से सांसद राजबहादुर सिंह का टिकट काटकर लता वानखेड़े को उतारा है तो खजुराहो में सपा ने मीरा दीपक यादव को लड़ाया है।
सपा ने पहले यहां से डा. मनोज यादव को टिकट दिया था, पर बाद में उन्हें कमजोर समझकर पार्टी ने 48 घंटे में उनकी जगह मीरा यादव टिकट दे दिया। अंचल में दो महिला उम्मीदवारों की मौजूदगी से मुकाबला रोचक हो गया है।
उधर, टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने परंपरागत चेहरे और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार पर फिर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के पंकज अहिरवार से होगा, जो पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं। दमोह में भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों ने जातिगत समीकरण साधते हुए लोधी समाज से उम्मीदवार बनाए हैं।
कांग्रेस में रहते हुए दमोह से 2020 का उपचुनाव हार चुके राहुल लोधी के भाजपा में आने के बाद पार्टी ने उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस से बंडा के पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी लड़ रहे हैं। खजुराहो से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा फिर मैदान में हैं। बुंदेलखंड की चार सीटों में से दमोह, खजुराहो और टीकमगढ़ सीट के लिए दूसरे चरण में 26 अप्रैल और तीसरे चरण में शामिल सागर सीट के लिए सात मई को मतदान होगा।
कांग्रेस ने खजुराहो सीट इंडी गठबंधन के समझौते के अंतर्गत सपा को दी है। बाकी तीन सीटों पर कांग्रेस ने नया चेहरा उतारकर भाजपा को मात देने की कोशिश की है। कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती यह है कि यह सभी सीटें भाजपा का गढ़ रही हैं। भाजपा यहां अत्यधिक मतों के अंतर से जीतती रही है।
दमोह में तो कांग्रेस आखिरी बार 1984 में जीती थी। ऐसे में कांग्रेस भाजपा के इन अभेद्य किलों को ढहाने की पूरी कोशिश कर रही है। पूरे अंचल के मतदाताओं को साधने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी या प्रियंका में से किसी की सभा भी यहां हो सकती है।
खजुराहो लोकसभा सीट
इस सीट पर प्रदेश ही नहीं भाजपा और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की नजरें टिकी हैं। कारण यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा दूसरी बार मैदान में हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह को चार लाख 92 हजार मतों से हराया था। इस बार मुकाबला इसलिए रोचक है कि सपा ने पूर्व विधायक मीरा दीपक यादव को यहां से लड़ाया है। उत्तर प्रदेश से लगी इस सीट पर सपा का भी प्रभाव रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के अतिरिक्त सपा उम्मीदवार के पक्ष में कांग्रेस नेताओं की भी यहां सभाएं होंगी। विष्णु दत्त शर्मा खजुराहो से अधिक दूसरी सीटों पर प्रचार कर रहे हैं। चार माह पहले हुए चुनाव में भाजपा इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी आठ सीटें जीती थी।
सागर लोकसभा सीट
यहां कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले बसपा से पार्टी में आए चंद्रभूषण सिंह बुंदेला पर दांव खेला है। वह खुरई सीट से विधानसभा चुनाव में टिकट मांगे रहे थे। उनका मुकाबला भाजपा की जमीनी और संगठन से जुड़ी कार्यकर्ता लता वानखेड़े से है। लता ने ग्राम पंचायत के पंच से राजनीति शुरू की थी। वह भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व महिला आयोग की अध्यक्ष भी रहीं। उनका चुनाव जोर पकड़ चुका है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की भी उनके समर्थन में सभा हो चुकी है, पर कांग्रेस की अभी कोई बड़ा सभा नहीं हुई। यहां कांग्रेस के दमदार नेता अरुणोदय चौबे के भाजपा में जानेे से भी समीकरण बदले हैं। विधानसभा चुनाव में यहां आठ में सात सीटें भाजपा ने जीती थी।
दमोह लोकसभा सीट
भाजपा इस सीट पर 1989 से लगातार जीतती आ रही है। 2014 और 2019 में यहां से प्रहलाद पटेल निर्वाचित हुए थे। उनके विधायक बनने के बाद भाजपा ने इस सीट पर राहुल सिंह लोधी को लड़ाया है। लोधी मतदाता यहां बहुतायत हैं, इसलिए कांग्रेस ने भी जातिगत समीकरण देखते हुए बंडा के पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को उतारा है। इस तरह दोनों दलों में लड़ाई नए-नए प्रत्याशियों के बीच है। विधानसभा चुनाव में यहां की आठ में से सात सीट पर भाजपा जीती थी।
टीकमगढ़ लोकसभा सीट
एससी के लिए सुरक्षित यह सीट भी कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। कारण, भाजपा ने यहां से तीन बार के सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक को फिर उतारा है। उनके सामने कांग्रेस के पंकज अहिरवार हैं। नया चेहरा होने के नाते उनके सामने कुछ जगह पहचान का संकट भी आ रहा है। वह विधानसभा चुनाव में जतारा से टिकट मांग रहे थे। पंकज युवा कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं। विधानसभा चुनाव में यहां आठ में पांच सीट भाजपा और तीन कांग्रेस ने जीती थी।
किस सीट पर कब कौन जीता
सागर — इस सीट पर कांग्रेस आखरी बार 1991 में जीती थी। 1996 से लगातार भाजपा जीत रही है।
दमोह — यहां कांग्रेस 1984 में जीती थी, इसके बाद से लगातार भाजपा जीत रही है।
खजुराहो — यहां कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी 1999 में जीते थे, उसके बाद 2004 से भाजपा जीती है।
टीकमगढ़ — 2009 में बनी इस सीट से पिछले तीन बार से भाजपा के वीरेंद्र कुमार जीत रहे हैं। वह फिर मैदान में हैं।
किस लोकसभा क्षेत्र में कौन-कौन विधानसभा सीट
सागर – सागर जिले की बीना, खुरई, सुरखी, नरयावली, सागर और विदिशा जिले की कुरवई, सिरोंज और शमशाबाद विधानसभा सीट।