FSSAI : सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा हेल्थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बेचे जा रहे जूस पर सख्ती करने का फैसला किया है. सरकार ने सख्ती दिखाते हुए ई-कॉमर्स वेबसाइटों को निर्देश दिया है कि उन्हें हर तरह के जूस हेल्थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर नहीं बेचने चाहिए. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने मंगलवार को सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि वो अपनी वेबसाइट पर बिकने वाले फूड प्रोडक्ट्स का सही तरीके से सेगमेंट बनाए. एफएसएसएआई ने कहा है कि प्रोडक्ट के सही सेगमेंट में नहीं होने से कस्टमर्स गुमराह हो जाते हैं.
आसानी से हर जगह उपलब्ध हैं एनर्जी ड्रिंक्स
नीलसन आईक्यू के डेटा के अनुसार, पेप्सिको (PepsiCo), कोका कोला (Coca-Cola) और हेल (Hell) जैसी कंपनियां अपनी एनर्जी ड्रिंक्स को रेड बुल (Red Bull) और मॉनस्टर (Monster) के मुकाबले एक चौथाई रेट पर बेच रही हैं. ये ड्रिंक्स ग्रॉसरी स्टोर्स पर आसानी से उपलब्ध हैं. एनर्जी ड्रिंक की सेल लगभग 50 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है. युवाओं में इसकी बढ़ती खपत चिंताजनक है. कई शोध में इसके स्वास्थ्य पर गंभीर असर सामने आए हैं. इसलिए इन्हें लेकर एफएसएसएआई भी गंभीर हो गया है.
एफएसएसएआई ने अलग कैटेगरी बनाने के दिए निर्देश
एफएसएसएआई के अनुसार, प्रॉपराइटरी फूड लाइसेंस के तहत आने वाले डेयरी बेस्ड, अनाज बेस्ड और माल्ट बेस्ड पेय पदार्थों को ई-कॉमर्स वेबसाइट पर हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक के नाम से नहीं बेचा जा सकेगा. कंपनियों को इनके लिए अलग कैटेगरी बनानी पड़ेगी. एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया है कि हेल्थ ड्रिंक को एफएसएस एक्ट 2006 के तहत कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है. एनर्जी ड्रिंक भी सिर्फ कार्बोनेटेड और कार्बोनेटेड वाटर बेस्ड ड्रिंक्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. प्रॉपराइटरी फूड ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो खाद्य सुरक्षा और मानक नियमों के दायरे में नहीं हैं. इस कार्रवाई की मदद से प्रोडक्ट्स के बारे में कस्टमर्स को सही जानकारी दी जा सकेगी.