छात्रवृत्ति से संबंधित लंबित प्रकरणों का तत्काल निराकरण करें: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल : शुक्रवार, जून 28, 2024/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अनुसूचित जाति -जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति से संबंधित विगत वर्ष के लंबित प्रकरणों का कार्य योजना बनाकर तत्काल निराकरण किया जाए। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने में कोई परेशानी न हो। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए छात्रवृत्ति में आवेदन के सत्यपान, पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और छात्रवृत्ति वितरण की समय सीमा निर्धारित की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला लोक सेवा प्रबंधक और लीड बैंक मैनेजर आवश्यक समन्वय सुनिश्चित कर जिला स्तर पर अभियान चलाए जिससे छात्रों को आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में समस्या न हो। इसके साथ ही छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे अपात्र विद्यार्थियों का परीक्षण शिक्षण संस्थावार किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव महाविद्यालय और शाला स्तर पर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, मुख्य सचिव वीरा राणा उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण आवश्यक है। अन्य राज्यों में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए बनाई जा रही प्रक्रिया का अध्ययन कर सामान्य प्रशासन विभाग अन्य संबंधित विभागों की टॉस्क फोर्स बनाकर कर प्रकिया के सरलीकरण के लिए तत्काल कार्रवाई करें। इसके साथ ही सभी व्यवसायिक व प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुसूचित जाति जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी उपलब्धियाँ अर्जित करें, इस उद्देश्य से प्रभावी कार्य योजना बनाई बनाई जाए। बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के युवाओं की होमगार्ड तथा पुलिस में भर्ती को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए।

शिक्षा पोर्टल से 6 विभागों की 20 प्रकार की छात्रवृत्ति की स्वीकृति प्रदान की जाकर वितरण किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में 64 लाख विद्यार्थियों को लगभग 330 करोड़ की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। वर्ष 2024-25 में अब तक 92 लाख नामंकन हो चुके हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव मो.सुलेमान, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अजीत केसरी, केसी गुप्ता, प्रमुख सचिव रश्मि अरूण शमी, डॉ. ई रमेश कुमार तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

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