शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के मामले में मध्य प्रदेश का प्रदर्शन पश्चिम जोन में अच्छा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश को उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। जिलों में प्रथम स्थान भोपाल और तृतीय स्थान इंदौर को मिला है। प्रदेश को गंदे पानी के प्रबंधन के लिए सुजलाम अभियान के पहले चरण में प्रथम और दूसरे चरण में चौथा स्थान मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो अक्टूबर को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में स्वच्छ भारत दिवस पर यह पुरस्कार प्रदान करेंगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम जोन में मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और गोवा हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण में गुजरात को दूसरा और महाराष्ट्र को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जलशक्ति मंत्रालय ने देशभर के 17 हजार 475 ग्रामों को चिह्नित करके केंद्रीय एजेंसी से वर्ष 2021 में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण कराया था। इसमें ग्रामों में स्वच्छता की स्थिति, समुदाय को मिशन गतिविधियों की जानकारी और नागरिकों की प्रतिक्रिया के आधार पर अंक दिए गए। कुल अंकों के आधार पर राज्य और जिलों की रैंकिंग की गई।
अधिकारियों का कहना था कि ग्रामीण इलाकों में भी गीले और सूखे कचरे के निष्पादन के लिए व्यवस्था बनाई गई। कचरा परिवहन के लिए सात हजार 269 वाहन खरीदे गए। गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग करने के लिए दो हजार 467 शेड बनाए गए। घरों से निकलने वाले पानी का प्रबंधन किया गया। अभी तक 13 हजार 23 गांवों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है। तीन लाख 69 हजार 534 व्यक्तिगत और 14 हजार 116 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया गया है।
यह गौरव का क्षण : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता ही नहीं, समर्पण भाव भी दृढ़ हुआ है। गांवों की नई तस्वीर उभरी है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री के स्वच्छता के मंत्र को आत्मसात कर जनसहभागिता से स्वच्छता के क्षेत्र में कीर्तिमान रच रहा है। उन्होंने प्रदेशावासियों को बधाई देते हुए कहा कि हम सब मिलकर स्वच्छ व सुंदर मध्य प्रदेश के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं।