अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदाय के साथ हों सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध : मुख्य सचिव वीरा राणा

मुख्य सचिव वीरा राणा ने प्रदेश के अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ सुरक्षा प्रबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिला अस्पतालों में सी.सी.टीवी कैमरे लगाए जाएं और नियमित सुरक्षा ऑडिट किया जाए। सी.सी.टीवी कैमरों से न केवल अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई भी संभव हो सकेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि सुरक्षा गार्डों को प्रशिक्षण दिया जाये ताकि वे आपातकालीन परिस्थितियों में सही ढंग से कार्य कर सकें। उन्होंने अस्पतालों में आने वाले अटेंडरों को पहचान पत्र जारी करने के निर्देश दिये, ताकि अनधिकृत लोगों की आवाजाही पर रोक लग सके। मुख्य सचिव ने कलेक्टर, कमिश्नर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नियमित रूप से अस्पतालों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था के साथ लाइट व्यवस्था, स्वच्छ शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं की जांच करने के लिए कहा। मुख्य सचिव ने मंत्रालय वल्लभ भवन में उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विकास परियोजनाओं, जनहितकारी योजनाओं और स्वास्थ्य-सुरक्षा व्यवस्थाओं की जिले वार वर्चुअल समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने मौसमी बीमारियों के दृष्टिगत शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में बीमारियों के उपचार की व्यवस्थाओं को और मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत शेष बचे पात्र नागरिकों के आयुष्मान कार्ड अभियान चलाकर बनाने के निर्देश दिये। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ मिले।

मुख्य सचिव वीरा राणा ने कहा कि पीएम जन-मन महाअभियान विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का महत्वाकांक्षी प्रयास है। उन्होंने अभियान के तहत चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि पीएम जन-मन महाअभियान के निर्धारित लक्ष्यों को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।

मुख्य सचिव ने अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत नगरीय विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने निर्देश दिये कि संबंधित नगरीय निकाय डीपीआर को जल्द से जल्द तैयार करें और कार्यों को समय से पूरा करें। योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति, सीवरेज प्रबंधन, हरित क्षेत्र विकास और शहरी परिवहन के कार्यों की स्थिति की समीक्षा की और इन प्रोजेक्ट्स को समय पर और तय गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने जल जीवन मिशन के तहत संचालित कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो। राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा पशुओं के विचरण को रोकने के लिये नगरीय विकास, पुलिस, ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। साथ ही इन पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करें।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में संचालित राजस्व महाअभियान-2 की प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने सभी जिला कलेक्टर्स से कहा कि लंबित राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने बारिश की स्थिति पर सतत निगरानी रखने और जरूरत के अनुसार राहत शिविरों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि संभावित आपदाओं से निपटने के लिए सभी विभाग समन्वित और तैयार रहें।

मुख्य सचिव ने बताया कि ग्वालियर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा ग्वालियर – चंबल संभाग के सभी जिलों में निवेश प्रोत्साहन केंद्रों का शुभारंभ किया जा चुका है। शेष जिलों में भी प्राथमिकता के आधार पर केन्द्र प्रांरभ कर नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाएं। मुख्य सचिव ने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने की निधार्रित प्रक्रिया को प्राथमिकता से पूर्ण करने के निर्देश कलेक्टर्स को दिये। उन्होंने पात्र किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ देने और किसान क्रेडिट कार्ड बनाने अभियान चलाने के निर्देश दिये। बैठक में पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव गृह एस.एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव नगरीय प्रशासन नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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