तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के 142 इंजीनियरिंग कालेजों की 58,379 सीटों पर प्रवेश के लिए कराई जा रही काउंसलिंग का पहला चरण खत्म हो चुका है। इसमें करीब 17 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। पिछले वर्ष यह संख्या केवल सात हजार थी। हालांकि इस बार पहले चरण में ही इंजीनियरिंग कोर्स के लिए विद्यार्थियों का रुझान दिख रहा है। हालांकि अभी भी लगभग 41 हजार सीटें खाली हैं।
उधर, दूसरे चरण में पंजीयन कराने के लिए सोमवार को आखिरी दिन था। इसमें करीब 18 हजार विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया है। इनमें तीन हजार 676 जेईई मेंस एवं 13 हजार 478 क्वालिफाइ राउंड के विद्यार्थी शामिल हैं। अब तक सात हजार 167 विद्यार्थियों ने ही च्वाइस फिलिंग की है। वे 27 सितंबर तक पंजीयन में सुधार कर सकते हैं। च्वाइस फिलिंग की आखिरी तारीख 29 सितंबर है। 30 सितंबर को मेरिट सूची जारी की जाएगी। इसके बाद विभाग पांच अक्टूबर को अलाटमेंट जारी करेगा। विद्यार्थी 11 अक्टूबर तक कालेज में प्रवेश ले पाएंगे।
सीएसई नहीं मिलने पर आइटी में ले रहे हैं प्रवेश
पहले चरण में सीएसई में सबसे अधिक प्रवेश हुए हैं। इनमें से सीएसई की स्पेशलाइजेशन ब्रांच में शामिल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट आफ थिंग्स, डाटा साइंस में विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं। हालांकि सीएसई नहीं मिलने पर विद्यार्थियों ने आइटी में प्रवेश लेना शुरू कर दिया है। वे अगले वर्ष तीसरे सेमेस्टर में आकर अपनी ब्रांच को सीएसई में बदल सकेंगे।
टीएफडब्ल्यू में 45 प्रतिशत प्रवेश
दूसरी ओर कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) नहीं मिलने के कारण विद्यार्थियों ने निश्शुल्क में पढ़ाई की ट्यूशन फीस वेबर स्कीम (टीएफडब्ल्यू) की सीट भी छोड़ दी है। टीएफडब्ल्यू की सीटों पर 45 प्रतिशत प्रवेश हुए हैं। 30 प्रतिशत विद्यार्थियों ने छोटे स्तर के कालेज और अपनी पसंद नहीं मिलने के कारण सीएसई में फीस देकर बड़े कालेजों में प्रवेश लिए हैं।