भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता चौबीसों घंटे झूठ बोलते हैं। छल-कपट की राजनीति करते हैं। कांग्रेस किसानों के साथ वादा-खिलाफी करती रही है और उसकी किसान न्याय यात्रा भी झूठ, छल-कपट की राजनीति ही है। कांग्रेस को तो किसान न्याय यात्रा की बजाय किसानों से क्षमा याचना के लिए ’क्षमा’ यात्रा निकालना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के लोग लगातार झूठ बोलते हैं। मध्यप्रदेश का अन्नदाता भली भांति जानता है कि कांग्रेस की कमलनाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में जो सरकार बनी थी, वह भी झूठ बोलकर ही आई थी। बाद में 15 महीने कांग्रेस की यह सरकार रही, लेकिन उस सरकार ने किसानों के साथ वादा-खिलाफी की और किसी किसान का कर्ज माफ नहीं किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि यह वही कांग्रेस पार्टी है, जिसकी दिग्विजयसिंह सरकार ने मुलताई में धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोलियां चलवा दी थी। यह वहीं कांग्रेस है, जिसने कई सालों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसाओं को लागू नहीं किया। किसान विरोधी कांग्रेस पार्टी ने दशकों के अपने शासन में देश के अन्नदाताओं को मजबूर बनाए रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस यात्रा को न तो किसानों का समर्थन मिल रहा है और न ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं का। इसलिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ट्रैक्टर रोकने जैसे बहाने बनाकर अपनी असफलता को छिपा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस किसानों के नाम पर सिर्फ नौटंकी करती है, उनकी चिंता सिर्फ भाजपा की सरकार ही करती है। प्रदेश के किसान जानते हैं कि जब कांग्रेस की वादा-खिलाफी ने उन्हें कर्ज के बोझ से डिफाल्टर बना दिया था, तो उन्हें कर्ज से राहत देने का काम तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने किया था। यही, नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा किसानों को जो सम्मान निधि दी जा रही है, उसके साथ ही मध्यप्रदेश सरकार भी अपनी तरफ से भी किसानों को सम्मान निधि दे रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा किसानों के हित में जो योजनाएं लाई गई हैं, जो कदम उठाए हैं, उनके परिणामस्वरूप देश-प्रदेश के किसानों के जीवन में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने किसानों के हित में मध्यप्रदेश में पहली बार समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी का निर्णय लिया है। सोयाबीन खरीदी का यह काम 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक किया जाएगा। इसके लिए ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर 25 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन किया जाएगा। वहीं, समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन 19 सितम्बर से प्रारंभ हो चुका है।