राजधानी भोपाल सहित प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ रहे अपराधों के विरुद्ध महिला कांग्रेस ने पुलिस कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन

प्रदेश की भाजपा सरकार के राज में लाड़ली बहनों और महिलाओं के बाद अब बाल यौन शोषण के मामलों में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि से प्रदेश की नारी अस्मिता पर सवाल खड़े होना लाजमी है। अखबारों की सुर्खियां चीख-चीख कर कहती हैं कि प्रदेश में महिलाएं,बच्चियां न तो बाहर सुरक्षित हैं और न ही घर के अंदर। बच्चों को अंधकार से प्रकाशपुंज की ओर अग्रसर किया जाता है, शिक्षा के ऐसे पवित्र मंदिरों और स्कूलों में लगे वैन, बसों तक में निशाचरों द्वारा बच्चियों के साथ दुष्कर्म, यौन शौषण को अंजाम दिया जाना बेहद लज्जा और राक्षसी प्रवृति की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है जो प्रदेश के लिए शर्मसार कर देश-दुनिया में मानव जीवन के असहनीय और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल के नेतृत्व में आज महिला कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी भोपाल में पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपते हुये राजधानी भोपाल सहित प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ रहे अपराधों पर शिकंजा कसने, स्कूलों, स्कूल वैन एवं अन्य क्षेत्रों में नाबालिकों, बच्चियों के साथ हो रहीं यौन शौषण की घटनाओं पर रोकथाम लगाने, अपराधियों पर शिकंजा कसने और कानून व्यवस्था सख्त करने की मांग की है।

विभा पटेल ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के साथ दुष्कर्म, अनाचार और अत्याचार से देश का हृदय मध्यप्रदेश गंभीर स्थिति में हैं। सभ्य समाज जब महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही इस प्रकार की घटनाओं की खबर सुनता/ पढ़ता है तो उसकी रूह कांप जाती है। बाल यौन शोषण तीन मामले भोपाल में ही महज चार दिन में सामने आये हैं जो अखबारों की सुर्खियां बने, न जाने ऐसे कितने मामले होंगे जो अपराधियों के खौफ, भय और धमकियों के कारण सामने नहीं आते, ऐसे में पीड़ितों की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन है, यह पुलिस महकमें के लिए बड़ा सवाल है? पांच साल की बच्ची का स्कूल वैन चालक द्वारा यौन शोषण, तीन साल की बच्ची के साथ शिक्षक द्वारा यौन शोषण, टीकमगढ़ में सात साल की बच्ची के साथ यौन शोषण, एक स्कूल शिक्षक द्वारा छात्र को धमका कर उसकी आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल करना। आखिरकार भाजपा सरकार इस प्रदेश को अपराधियों की शरणस्थली बनाकर कौन सा कीर्तिमान स्थापित करना चाहती है? यह मामले तो केवल राजधानी भोपाल के हैं जहां पूरा प्रदेश के मुखिया से लेकर मंत्री, शासन-प्रशासन और कानून का जमावड़ा रहता है तो फिर प्रदेश के हालात कितने बदतर होंगे यह अकल्पनीय है। स्कूलों में मासूमों के साथ हो रहे यौन शोषण और उनकी सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, इस तरह की घटनाओं से अभिभावक वर्ग भयभीत और परेशान होकर दहशत में है। जनता सवाल उठा रही है कि क्या प्रदेश की मदमस्त भाजपा सरकार को मासूमों की चीखें सुनाई नहीं दे रही या प्रदेश की ध्वस्त और ढुलमुल कानून व्यवस्था उनकी सुरक्षा करने में पूरी तरह नाकाम है?

विभा पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे दुराचार, दुष्कर्म की घटनाओं से आहत हैं। अपराधियों में कानून का कोई खौफ नहीं होने से बच्चों के साथ ऐसी घटनायें सरकार की विफलता और कर्तव्यों के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करती है। प्रदेश में लाड़ली बहनों, महिलाओं की तरह अब मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। स्कूलों में बच्चियों को बैड टच-गुड टच के बारे में बताने एवं समझाने में आखिर स्कूल प्रबंधन क्यों असफल है। बच्चियों को स्कूलों सहित राजनैतिक दल एवं सामाजिक संगठनों के माध्यम से बैड टच-गुड टच के बारे में समझाने के लिए मुहिम चलायी जाना चाहिए। अभी हाल ही में कल कोलार में बुजुर्ग महिला के साथ दुष्कर्म एवं हत्या से एक बार फिर भोपाल शर्मसार हुआ है।

विभा पटेल ने कहा कि राजधानी भोपाल के पॉश इलाके कोहेफिजा में पांच साल की बच्ची के 48 घंटे तक लापता रहना और फिर उसकी लाश मिलना यह कानून व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान लगाता है। जबकि बच्ची को खोजने में 100 से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी चप्पे-चप्पे पर लगे रहे, लेकिन बच्ची का पास के फ्लेट में मिलना बड़ा सवाल है। घटना को अंजाम देने वाले दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी कर कड़ी सजा दी जाये।

मध्य महिला कांग्रेस प्रदेश के मुख्यमंत्री से जानना चाहती है कि आखिरकार मध्यप्रदेश में बच्चे कब निडर होकर घर से बाहर निकल पाएंगे? इस गंभीर और अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर महिला कांग्रेस शांत नहीं बैठेगी। यदि शीघ्र ही इन स्थितियों पर तत्काल रोक नहीं लगायी गई तो महिला कांग्रेस प्रदेश भर में आंदोलनरत होकर इन घटनाओं पर कड़ा रूख अपनायेगी। वहीं महिला कांग्रेस ने राज्य बाल आयोग एवं मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग की चुप्पी पर भी हैरानी जताते हुये मामलों पर संज्ञान लेकर कार्यवाही करने की मांग की है। महिला कांग्रेस ने मांग की है कि प्रदेश के सभी स्कूलों की बसों में एक महिला शिक्षक की उपस्थिति में बच्चों का परिवहन होना चाहिए। सभी स्कूलों और उनकी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए। स्कूलों के बस ड्राइवर एवं क्लीनर समेत अन्य स्टाफ का पुलिस वैरिफिकेशन कराया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए साथ ही आप से भी यह आग्रह है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए एवं केस फास्टट्रेक कोर्ट में चलना चाहिए ताकि अपराधियों में कानून का भय स्थापित हो जाये।

इस अवसर विभा पटेल के साथ राजलक्ष्मी नायक, संतोष कंसाना, चंदा चौहान, शीतल मालवीय, लता देवरे, यशोदा पांडे और मीना चौहान सहित अन्य महिला कांग्रेस नेत्रियां उपस्थित थीं।

Previous articleप्रमाणिक और पारदर्शिता के साथ 24 दिन में 1 करोड़ सदस्यता का आंकड़ा पार किया – विष्णुदत्त शर्मा
Next articleराष्ट्रपति ने सियाचिन बेस कैंप का दौरा किया और वहां तैनात जवानों से बातचीत की