मितव्ययता के साथ अधोसंरचना निर्माण की नवीनतम तकनीकों के साथ ही प्राचीन विधाओं से भी प्रेरणा लेना आवश्यक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सड़कों तथा अधोसंरचना के निर्माण में प्रयुक्त हो रही नवीन तकनीक और विधाओं पर विचार-विमर्श के दौरान प्राचीन काल में हुए निर्माण कार्यों में प्रयुक्त प्रभावी तकनीक पर गौर करना तथा उनसे प्रेरणा लेना भी आवश्यक है। राजा भोज द्वारा एक हजार साल पहले बनाया गया भोपाल का बड़ा ताल मितव्ययता के साथ प्रभावी जल प्रबंधन का अनूठा उदाहरण है। सम्राट अशोक और सम्राट विक्रमादित्य के काल के सिक्कों पर बनी मार्गों के चिन्ह उस काल में सड़कों की महत्ता को दर्शाते हैं। यह तथ्य बताते हैं कि जब भी नवीन तकनीक की बात होगी तो प्राचीन विधा उसकी नींव का आधार बनकर बनेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रवीन्द्र भवन में लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश और इंडियन रोड काउंसिल नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में “सड़क और पुल निर्माण में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों’’ पर केंद्रित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तथा प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर सेमीनार का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप नवीनतम तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के साथ व्यवहारिक परिस्थितियों और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कौशल व दक्षताओं को महत्व देना आवश्यक है। यह सेमिनार मितव्ययता से संसाधनों का उपयोग करते हुए गुणवत्ता के साथ सड़क और अधोसंरचना निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सौभाग्य का विषय है कि सड़क तथा अन्य अधोसंरचना निर्माण में प्रयुक्त नवीनतम प्रौद्योगिकी, तकनीक और नवाचारों पर विचार-विमर्श के लिए राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार भोपाल में आयोजित हुआ और प्रधानमंत्री मोदी के मंत्री-मंडल के सक्रिय ऊर्जावान और नेतृत्व क्षमता के धनी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 3,589 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले भोपाल-कानपुर फोर लेन को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी का आभार माना। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी शीघ्र ही अधोसंरचना निर्माण के लिए प्रदेश को 25 हजार करोड़ रुपए की सौगात देने वाले हैं। यह सभी प्रदेशवासियों के लिए प्रसन्नता का विषय है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों के समान रूप से विस्तार के लिए क्षेत्रीय स्तर पर इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव किए जा रहे हैं, जिसमें विभिन्न उद्योग समूह निवेश के लिए रूचि प्रदर्शित कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न अंचलों में हो रहे गुणवत्तायुक्त सड़क नेटवर्क के विकास से आवागमन सुगम होगा। साथ ही औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के साथ ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे यहाँ सिक्कों की एक पूरानी तकनीक है। सिक्कों का अपना शास्त्र है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिक्कों की थ्योरी से बताया कि प्राचीन काल में उज्जैन प्रत्येक मार्ग का केन्द्र रहा है। उन्होंने कहा कि 1000 साल पहले राजा भोज, 2000 साल पहले सम्राट विक्रमादित्य और 2250 साल पहले सम्राट अशोक (उज्जैन के तत्कालीन गवर्नर) के शासन काल में एक जैसी समानता है। सिक्कों पर एक ओर उज्जैन के राजा का चिन्ह और दूसरी ओर चार मार्गों का संकेतक (चौराहा) बना होता था। यह इस बात का प्रमाण है कि उज्जैन समस्त मार्गों का सेंटर पांइट था।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारतीय रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिकन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर से बेहतर होगा। यह लक्ष्य हम देश के इंजीनियरों और जनसामान्य के सहयोग से प्राप्त करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वॉटर, पॉवर, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन की होती है। इन 4 फेक्टर पर ही व्यापार-व्यवसाय और उद्योग विकसित होता है। साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन भी होता है। इस उद्देश्य से ही प्रधानमंत्री मोदी अधोसंरचना विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे स्व. सुंदरलाल पटवा ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से ग्रामों तक सुगम पहुंच सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में वैकल्पिक ईंधन का उपयोग कर लागत को कम किया जा सकता है। कृषि, मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार है और खेतों से निकलने वाली अनुपयोगी सामग्री का वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इस दिशा में कार्य करने से किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता के रूप में उभरेगा। उन्होंने डीपीआर निर्माण में इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को जोड़ने का सुझाव भी दिया।

प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत को मिल रहे विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के वास्तुकार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हैं। मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग “लोक निर्माण से लोक कल्याण” की टैग लाइन के साथ कार्य कर रहा है। प्रदेश में “लोक पथ ऐप’’ के क्रियान्वयन के साथ ही लोक कल्याण सरोवर की अवधारणा और पेड़ काटने के स्थान पर पेड़ शिफ्ट करने की दिशा में भी विशेष पहल की गई है। कार्यक्रम को मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव के.सी. गुप्ता और इंडियन रोड कॉउंसिल के पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया।

दो दिवसीय सेमिनार का उद्देश्य सड़क और पुल निर्माण की गुणवत्ता को सुधारने तथा समयबद्ध और टिकाऊ अवसंरचना के विकास के संबंध में सरकारी और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर अनुभवों तथा नवाचारों को साझा करना है। इस अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी में सड़क एवं पुल निर्माण में लगने वाली नई मशीनरी और तकनीकों, परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए आईटी तकनीक के उपयोग तथा सड़क व यातायात सुरक्षा से संबंधित सामग्री का प्रदर्शन किया गया है। सेमीनार में प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव तथा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया। मुख्य सचिव अनुराग जैन, इंडियन रोड काउंसिल के अध्यक्ष के.के. पिपरी, सचिव एस.के. निर्मल सहित लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, इंडियन रोड काउंसिल के पदाधिकारी, विषय-विशेषज्ञ तथा इंजीनियर उपस्थित थे। सेमीनार में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री गडकरी का लोक नर्तकों के दल द्वारा पारम्परिक रूप से स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोक नर्तकों से चर्चा भी की। कार्यक्रम में अतिथियों का पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्रम और प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।

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