एमपी में 6 महीने के अंदर दौड़ेंगी ‘सरकारी बसें’, शहरों से जुड़ेंगे गांव-तहसील
एमपी में 20 साल बाद आखिरकार सरकारी लोक परिवहन सेवा को जमीन पर उतारने का निर्णय हो ही गया। 6 से 8 महीने में यह सेवा शुरू हो जाएगी। मॉडल बदला हुआ होगा। बाबूलाल गौर के मुख्यमंत्री रहते समय राज्य परिवहन निगम की सरकारी बसें दौड़ती थी। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी ऑपरेटरों की बसें दौड़ेंगी, पर इन पर पूरा नियंत्रण सरकार का होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री सुगम लोक परिवहन सेवा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लोक परिवहन सेवा फिर शुरू करने का निर्णय जनता के लिए पत्रिका महाअभियान की बड़ी जीत है।
बनाई जाएगी योजना
होल्डिंग कंपनी रूट व बस चलाने के लिए सर्वे, योजना बनाएगी। इसके साथ ऑपरेटर्स को परमिट दिलाना, आइटी प्लेटफॉर्म, कंट्रोल कमांड सेंटर तैयार करना, ई-टिकट, मोबाइल एप से बसों की ट्रेकिंग, कैशलेस, टेपऑन-टेपऑफ सुविधा देना, ऐप से पैसेंजर इन्फोर्मेशन सिस्टम विकसित कराना भी होल्डिंग कंपनी का कार्य होगा।
अनुबंधित ऑपरेटर के लिए एप, वीडियो ऑडिट सॉफ्टवेयर, फील्ड ऑडिट एप, एमआईएस व डैशबोर्ड की सुविधा देना, ऑपरेटर स्टॉफ का प्रशिक्षण दिलवाना। इसके साथ वे राज्य एवं क्षेत्रीय सहायक कंपनी के लिए कंट्रोल एवं कमांड सेंटर सॉफ्टवेयर, बस, ऑटो, टैक्सी, मेट्रो के लिए बुकिंग प्लेटफॉर्म की सुविधा ऑनलाइन यात्री बुकिंग सुविधा, यात्री हेल्प डेस्क, कार्यालयों में ऑपरेशन डेशबोर्ड, स्टाफ की ट्रेनिंग की सुविधा देंगी।