हिमाचल प्रदेश के ताजा रुझानों में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है और कांग्रेस को 39 सीटें मिलती दिख रही है। जाहिर है कि हिमाचल प्रदेश स्पष्ट जनादेश की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में बीजेपी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। मौजूदा सीएम जयराम ठाकुर ने जनादेश को स्वीकार करते हुए कहा कि वो थोड़ी देर में राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप देंगे। अब तक नतीजों और रुझानों में बीजेपी को सिर्फ 26 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 35 है। पिछली बार हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने 44 सीटें जीतते हुए सरकार बनाई, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी।
हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इतना तो तय है कि जनता ने विधानसभा चुनाव में अपने रिवाज को कायम रखा है, जहां हर पांच साल बाद सरकार बदलने की रवायत रही है। बीजेपी की हार में मंत्रियों के खिलाफ एंटी इन्कंबेंसी, सीएम का गृह जिले में काम करने की धारणा जैसे कारणों के अलावा ओपीएस भी बड़ा मुद्दा बनकर उभरी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से हिमाचल में सरकार बनने पर, राजस्थान की तर्ज पर ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने का ऐलान करने ने सियासी हवा बदलने में अहम भूमिका निभाई है। बता दें कि कांग्रेस ने नवंबर में अपने जन घोषणा पत्र में जनता से ओपीएस लागू करने, महिलाओं को 1500 रुपये हर महीने, 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 2 रुपये प्रति किलो गाय के गोबर की खरीद सहित 10 गारंटी देने का वादा किया था।