राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुई दवा विक्रेता उमेश कोल्हे की हत्या के मामले में चार्जशीट दायर कर दी है। चार्जशीट में एनआईए ने बताया कि है कि तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी समर्थकों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। उमेश कोल्हे ने भाजपा नेता नुपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। नुपूर ने एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। बता दें, उमेश कोल्हे से पहले राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की भी हत्या कर दी गई थी। कन्हैयालाल ने भी नुपूर शर्मा का समर्थन किया था।
अमरावती हत्याकांड की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि उन्होंने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें 11 तब्लीगी जमात से जुड़े हैं।तब्लीगी जमात एक अंतर्राष्ट्रीय देवबंदी इस्लामिक मिशनरी आंदोलन है जो मुसलमानों को धर्म की शिक्षा देता है।
महाराष्ट्र के अमरावती के फार्मासिस्ट 54 वर्षीय उमेश कोल्हे (Umesh Kolhe) की इसी साल 21 जून को तीन हमलावरों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। यह हमला तब हुआ था, जब कोल्हे अपनी दुकान बंद करके घर लौट रहे थे।
एनआईए की चार्जशीट से पता चला है कि पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए तब्लीगी जमात के कट्टरपंथियों ने हत्या की थी। पिछले हफ्ते दायर चार्जशीट में कहा गया है कि सभी आरोपी तब्लीगी जमात के अनुयायी है। पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड इरफान खान भी जमात और उसके नियमों का सख्ती से पालन करने वाला है।