बसंत पंचमी के दिन से ऐसे करें भाग्योदय

सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी दिन शिव विवाह की लगुन लिखाई गई थी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बसंत पंचमी का दिन शिक्षा के रूप से अति विशेष माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है और उनसे विद्या और बुद्धि का आर्शीवाद प्राप्त किया जाता है।
मेष
हनुमान जी की पूजा कर उनके बाएं चरण का सिन्दूर लेकर बसंत पंचमी से नित्य तिलक करें तथा हनुमान चालीसा का पाठ करें। विद्या व बुद्धि के लिए ‘ऐं’ का जप करें।
वृषभ
इमली के 22 पत्ते लेकर 11 पत्ते माता सरस्वती के यंत्र या चित्र पर चढ़ाएं। 11 पत्ते अपने पास सफेद वस्त्र में लपेटकर रखें, सफलता मिलेगी।
मिथुन
भगवान गणेश की पूजा करें। 21 दूर्वादल के अंकुर 21 बार ॐ गं गणपतये नम: का जप कर चढ़ाएं। विद्या प्राप्ति के विघ्न दूर होंगे।
कर्क
माता सरस्वती के यंत्र या चित्र पर ॐ ऐं सरस्वत्यै नम: जप कर आम के बौर चढ़ाएं।
सिंह
ॐ ऐं नम गायत्री मंत्र ‘नमो ऐं ॐ’ से संपुटित कर जाप करने से लाभ होगा।
कन्या
पुस्तक, ग्रंथ इत्यादि दान करें तथा ॐ ऐं नम:का जाप करें।
तुला
पुस्तक ग्रंथ तथा सफेद वस्त्र किसी ब्राह्मण कन्या को पूजन कर दान करें तथा श्वेत मिठाई खिलाएं और ॐ ऐं नम: का जप करें।
वृश्चिक
माता सरस्वती का पूजन कर श्वेत रेशमी वस्त्र चढ़ाएं तथा कन्याओं को दूध से बनी मिठाई खिलाएं और ॐ ऐं सरस्वत्यै नम: का जप करें।
धनु
माता सरस्वती का पूजन करें तथा श्वेत चंदन चढ़ाएं एवं श्वेत वस्त्र दान करें।
मकर
सूर्योदय के पहले ब्राह्मी नामक औषधि का सेवन कर ॐ ऐं सरस्वत्यै नम: से मंत्रित कर पी लें। सफलता प्राप्त होगी।
कुंभ
माता सरस्वती का पूजन कर कन्याओं को खीर खिलाएं तथा ॐ ऐं नम: जपें।
मीन
अपामार्ग की जड़ को वैदिक कर्म से प्राप्त कर पुरुष अपनी दाहिनी भुजा तथा स्त्री अपनी बाईं भुजा पर ॐ ऐं सरस्वत्यै नम: की 11 माला, स्फटिक माला से कर सफेद वस्त्र में बांधकर धारण करें।

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