कुंडली के दोष में फंसी है सफलता

कुंडली के दोष में फंसी है सफलता

: जन्म कुंडली में चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव व्यक्ति के नाम और आयु का निर्माण करते हैं। कभी नाम और यश का निर्णय 12वें भाव से किया जाता है। मूल रूप से चंद्रमा और शुक्र को शुभ ग्रह माना जाता है। हस्तरेक्षा शास्त्र में सूरज को आयु का ग्रह माना जाता है। ग्रहों का गोचर हमारे जीवन को प्रभावित करता है। ग्रह दोष के कारण असफलता का सामना करना पड़ता है। अगर हम चाहें तो दोष को काट सकते हैं।

– कुंडली में चतुर्थ, सप्तम या नवम भाव बली हो।

 

– कुंडली में पंच महापुरुष योग है।

 

– अगर कुंडली में पंच महापुरुष योग है।

 

– अगर हाथ में सूर्य पर्वत पर दो सूर्य रेखाएं या त्रिकोण है।

 

जब ग्रहों का अशुभ फल मिलता है?

– जब कुंडली में 8वां या 12वां भाव खराब हो।

– कुंडली में शुक्र या चंद्रमा नीच राशि में हो।

 

जब सूर्य रेखा टूटी हुई हो।

 

– अगर सूर्य पर्वत पर तिल या छल्ला बना है।

 

सफलता पाने का सबसे सरल तरीका

– सुबह उठते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों को देखें।

 

– माता-पिता और बड़ों के पैर छूएं।

 

– रोज सुबह उगते सूर्य को जल अर्पित करें।

 

– लाल चंदन का तिलक लगाएं।

 

– हनुमान चालीसा का पाठ करें।

 

– प्रतिदिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।

– रविवार के दिन तांबे के सूर्य को लाल धागे में बांधकर गले में धारण करें।

 

– अमावस्या के दिन दान करें।

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