प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आर्थिक मामलों से जुड़े कुछ बड़े फैसलों का एलान किया है। इनसे आम जनता को वित्तीय ट्रांजेक्शन्स और डिजिटल लेनदेन में आसानी होगी और उनको इंसेटिव्स मिलेंगे। कैबिनेट ने कम रकम के डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए 2600 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन राशि को मंजूरी दी है। इसके तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रूपे क्रेडिट कार्ड और BHIM UPI के उपयोग पर लोगों को इंसेटिव्स मिलेंगे। ये इंसेटिव्स P2M (पर्सन टू मर्चेंट) बेसिस पर दिए जाएंगे।
मोदी कैबिनेट ने मल्टी लेवल कोऑपरेटिव सोसाइटी के गठन का भी निर्णय लिया है। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि मोदी मंत्रिमंडल ने नेशनल लेवल मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट सोसाइटी को मल्टी सोसाइटी कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट, 2002 के तहत मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार राष्ट्रीय स्तर पर मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट सोसायटी का गठन करेगी। सरकार के मुताबिक इससे ‘सहकार से समृद्धि’ के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही BHIM UPI से ट्रांजैक्शन पर इंसेंटिव देने का फैसला भी किया गया है। इसके अलावा मोदी कैबिनेट ने पीएम मुफ्त अनाज योजना का नाम बदलने का फैसला लिया है। अब से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना कार्यक्रम का नाम होगा।
पिछली कैबिनेट में मुफ्त अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने की शुरुआत अप्रैल 2020 में की गई थी। इस अन्न योजना की अवधि 31 दिसंबर को खत्म हो रही थी। इससे पहले 23 दिसंबर को हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराना जाारी रहेगा। जिसके बाद इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया गया।