छिमाही परीक्षा जैसी है विकास यात्रा, कोलार वाले पार्षदों के लिए

भोपाल (कोलार), हुजूर विधानसभा के उपनगर कोलार में नगर निगम भोपाल के पांच प्रमुख शहरी वार्ड 80, 81, 82, 83 और 84 वार्ड आते है। वार्ड 84 ग्राम आबादी से लगा हुआ है और नेशनल हाइवे होशंगाबाद रोड सहित हुजूर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र को भी जोड़ता है। पिछली नगर निगम में यहां से कांग्रेस के पार्षद थे। बाकी अन्य सभी भाजपा के पास ही थे। वर्तमान पार्षदों में वार्ड 83 के पार्षद रविन्द्र यति को छोड़ अन्य सभी पहली बार के पार्षद है एवं सभी महिला वार्ड है।

विकास यात्रा का है चुनावी महत्व

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा है विकास यात्रा केवल कर्मकांड नहीं, यह जनता की जिंदगी बदलने का महाअभियान है। उन्होंने भाजपा नेताओं से अपील भी की है मौहल्ले में जाये और कम से 2 घन्टे मोहल्ले की जनता बीच रहे। अभी हाल ही विधायक रामेश्वर शर्मा ने सभी पार्षदों को आगाह किया है की विकास कार्यो में कोई भी लापरवाही नहीं चलेगी। उन्होंने विकास यात्रा के सम्बंध में पार्षदों को स्पष्ठ निर्देश दिये है यात्रा के दौरान डंडा भी चाहिए और फूल मालाएं भी चाहिए जिसका मतलब साफ है विधायक रामेश्वर शर्मा बहुत सख्ती के साथ पार्षदों की छमाही प्रगति पुस्तिका तैयार करने वाले है। विकास यात्रा से मिलने वाले परिणाम आगामी चुनावी मैनेजमेंट के मंथन में महत्वपूर्ण साबित हो सकते है।

पार्षदों का विकास कार्यो से ज्यादा सामूहिक कार्यक्रम पर फोकस

चुनाव परिणाम आने से अब तक वार्ड 83 के पार्षद रविन्द्र यति को छोड़ अन्य किसी भी पार्षद ने विकास कार्यो में रुचि नहीं दिखाई है। अन्य सभी पार्षद अभी तक केवल पार्टीगत कार्यो और कार्यकर्ताओं के द्वारा आयोजित सांस्कृतिक आयोजनों में देखें जाते रहे है। जन-सामान्य के बीच उनकी अनुपस्थिति क्षेत्र में महसूस की जा रही है।

विधायक रामेश्वर शर्मा से यकायक मिले निर्देश के बाद अब पार्षद क्षेत्र में विकास यात्रा के लिए सड़क मार्ग खोज रहे है। कही रास्ता न भटके, वापस न लौटना पड़े अनेकों चिंता सर पर आ गई है। बचाव के लिए पिछली छमाही में करें गये जनता के कार्यों की सूची तैयार कर उनके ठिकानों पर दूत भेज फूलों के साथ विकास यात्रा में आने का आग्रह करने की तैयारी कर रहे है। वार्डो में लगातार व्यवस्था से नाराज चल रहे, सीएम हेल्पलाइन में दर्जनों शिकायत कर चुके नागरिक, कई अन्य समस्याओं के निदान के लिए वार्ड ऑफिस से निगम कार्यालय का चक्कर काट चुके, भवन निर्माण अनुमति सहित अन्य मामलों में निगम से परेशान अब प्रगति पुस्तिका में लाल निशान लगाने न लगा दें बैचनी बढ़ाये हुए है। वही हाल ही में सेवा बस्तियों में सुनाई देने वाले नारे “सड़क नहीं तो वोट नही” प्रगति पुस्तिका में गोले बढ़ा न दें।

नोट: डंडा भी चाहिए और फूल मालाएं भी चाहिए के मायने है हमें आलोचना करने वालों से भी मिलना है और विकास कार्यों के वास्तविक हितग्राहियों से आभार भी हमें जनता में सभी से मिलना है आलोचना करने वाले से भागना नही है उसका डंडा हमें सबक देगा जिससे हम सुधार करें।

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