भारत का डिजिटल भुगतान का बाजार 2026 तक 10 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा
भारत में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक बाजारों में से एक है। फोनपे और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक हालिया रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि भारत का डिजिटल भुगतान बाजार 2026 तक 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से तीन गुना से अधिक बढ़कर 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा।
ग्रुप की स्टडी में कहा गया है कि 2015 में केंद्र सरकार ने जमीनी स्तर पर वित्तीय लेनदेन के लिए “फेसलेस, पेपरलेस और कैशलेस” उद्देश्यों के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम शुरू किया गया। यूपीआई की सफलता ने नए प्रतिमान गढ़े हैं। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत की फिनटेक क्रांति की अगुवाई कर रहा है। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा 2016 में लॉन्च किया गया था।
UPI एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है, जो मोबाइल के माध्यम से बैंकों के बीच पीयर-टू-पीयर और पर्सन-टू-पर्सन लेनदेन को तत्काल प्रोसेस करती है। केवल छह वर्षों की अवधि में भारत ने नकद र्थव्यवस्था से खुद को डिजिटल इकोनॉमी में तब्दील कर दिया है। भारत अब रियल टाइम डिजिटल पेमेंट में दुनिया का नेतृत्व करता है।