अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 शनिवार के दिन मनाई जाएगी

Akshaya Tritiya 2023

भोपाल : हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का त्योहार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 शनिवार के दिन मनाई जा रही है. बहुत सी जगहों पर इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त नहीं देखना पड़ता. इस दिन किसी भी प्रकार के नए कार्य की शुरुआत करने से उसमें सफलता मिलती है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित किया गया है. कोलार निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित राजेश शुक्ला बता रहे हैं, इस वर्ष अक्षय तृतीया कब है, पूजा मुहूर्त, शुभ समय और पूजा-विधि.

अक्षय तृतीया पर इन चीजों को खरीदना होता है शुभ

1. दक्षिणावर्ती शंख: अक्षय तृतीया के दिन दक्षिणावर्ती शंख को खरीद कर घर लाना बेहद शुभ है. माता लक्ष्मी को शंख बेहद प्रिय है. वहीं, भगवान विष्णु भी अपने हाथों में शंख धारण करते हैं. अक्षय तृतीया पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए दक्षिणावर्ती शंख को घर लेकर आना चाहिए और इसकी विधि-विधान से पूजा करके घर के मंदिर में स्थापना करनी चाहिए.

2. श्रीयंत्र : अक्षय तृतीया के दिन श्री यंत्र को घर में लाना बेहद शुभ माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन श्री यंत्र खरीदकर घर के मंदिर में विधि-विधान के साथ इसकी स्थापना करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.

3. मटका: अक्षय तृतीया के दिन मटका या कलश खरीदना ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से बेहद शुभ है. अक्षय तृतीया के दिन जल से भरा हुआ मटका या चावल से भरा कलश लेकर के आना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती.

4. जौ: अक्षय तृतीया के दिन जौ खरीदना बेहद शुभ होता है. इस दिन पूजा में माता लक्ष्मी को भी जौ अर्पित करने चाहिए. पूजा के पश्चात इस जौ को लाल कपड़े में लपेटकर अपने घर के धन स्थान पर रखने से घर की धन संपत्ति बढ़ती है.

अक्षय तृतीया 2023 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, बैसाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 22 अप्रैल 2023 को सुबह 7:49 से शुरू होगी और 23 अप्रैल 2030 को सुबह 7:45 पर समाप्त हो जाएगी.

अक्षय तृतीया 2023 पूजा मुहूर्त
अक्षय तृतीया के दिन स्नान, दान, जप, हवन, तर्पण आदि कार्य करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है. अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी नारायण और कलश पूजन के लिए 22 अप्रैल 2030 को सुबह 7:49 से दोपहर 12:20 तक शुभ मुहूर्त है. पूजा का समय 4 घंटे 31 मिनट रहेगा.

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