MP Vidhan sabha Election 2023:- सूबे में हवा हवाई चुनावी लहर

रोशन नेमा (Roshan Nema)

भोपाल, राजधानी मुख्यालय से लेकर विकासखंडों में लगने वाले हॉट बाजारों तक आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा जोरों पर जारी है। देशभर में पिछले कुछ माह में हुए घटनाक्रम जैसे उत्तरप्रदेश का अतीक केस, कर्नाटक के चुनाव परिणाम, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता, उड़ीसा में हुई रेल दुर्घटना, रुपये 2000 की नोटबंदी, पेट्रोल डीजल के स्थाई रेट, बेमौसम बारिश आदि से हुआ किसानों का नुकसान भी मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव की चर्चा में जुड़ गये है।

जनता कभी शिवराज सरकार की तुलना योगी सरकार से कर रही है तो कभी शिवराज को भविष्य में मोदी का विकल्प भी मान रही है।

मध्यप्रदेश में चलने वाली लाड़ली बहना योजना जनता के बीच लोकप्रिय हो गई है। जिससे भयभीत होकर कांग्रेस ने भी नारी सम्मान योजना का वचन देकर जनता से जुड़ने का प्रयास किया है।

संगठनों की उथल पुथल और निर्णय

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही संगठनों में कई बार प्रदेश अध्यक्ष बदलने और मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? जैसे मुद्धे सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक सुर्ख हुए, अब भी जनता की बीच चर्चा का विषय बने हुए है। दिल्ली का बार बार हस्तक्षेप भी जनता का रोमांच बढ़ा देता है।

प्रदेशभर में हो रहे जाति, समाज आधारित कार्यक्रम गांव गांव में शिवराज सरकार की जातियों, समाजों के उत्थान के लिए घोषणाओं को घर घर चर्चा का विषय बना रही है।

शिक्षा, राजस्व के क्षेत्र में हाल में हुई हजारों नियुक्तियों से प्रदेश में भर में सरकारी नौकरियों के प्रति युवाओं में उम्मीद जागी है।

प्रदेश में रोजाना हो रहे महिला अपराध, केंद्रीय एजेंसियों द्वारा प्रदेश में पकड़े जा रहे अपराधी, लोकायुक्त द्वारा पिछले वर्षों में भारी भरकम कमाई करने वाले अधिकारी कर्मचारियों की धरपकड़ जनता के बीच चर्चा को मसालेदार बना देते है।

चर्चा में पता चलता है ग्रामीण क्षेत्रों में पटवारी, सचिव, रोजगार सहायक और तहसीलदार के कारनामे भाजपा के लिए चुनाव में भारी पड़ सकते है।

क्रमशः

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