भारत सरकार ने लगाया चावल के निर्यात पर बैन, जानिए आखिर क्यों किया यह फैसला?

Government of India banned the export of rice, know why it took this decision?

 

भारत सरकार के द्वारा हाल ही में चावल के निर्यात पर बैन लगाने फैसला किया गया है। यह बैन ऐसे समय में लगाया गया है जब देश में त्योहारों का सीजन नजदीक आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार ने यह अहम फैसला आने वाले सीजन के दौरान बढ़ने वाली घरेलू डिमांड और खुदरा कीमतों पर लगाम लगाने के लिए लिया गया है। फिलहाल बासमती चावल को छोड़कर सभी तरह के कच्चे चावल को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। चलिए जानते हैं सरकार के इस फैसले के बारे में विस्तार से।

बढ़ रहे हैं चावल के दाम
दरअसल पिछले कुछ समय से चावल के दामों में लगातार उछाल आ रहा है। ऐसे में यदि त्योहारों के दौरान भी चावल का निर्यात किया जाता है, तो इसका सीधा असर चावल की कीमतों पर पड़ सकता है। इसलिए गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगाते हुए सरकार बढ़ती हुई कीमतों को रोकने की कोशिश कर रही है।

कितना बड़ा है यह मार्केट?
इस वित्तीय वर्ष के दौरान भारत से कुल 4.2 मिलियन डॉलर के चावल का निर्यात किया गया है। भारत से जो चावल निर्यात होता है उसमें गैर-बासमती चावल का हिस्सा करीब 25 प्रतिशत है। इसके अलावा भारत से सबसे अधिक चावल का निर्यात स्पेन, इटली, अमेरिका, थाईलैंड और श्रीलंका को किया जाता है।

क्या है खाद्य विभाग का बयान?
खाद्य विभाग ने बताया है कि त्योहारों के समय में चावल की डिमांड में तेजी आना स्वाभाविक है। ऐसे में यदि निर्यात पर लगाम नहीं लगाई गई तो खुदरा कीमतें बढ़ना तय है। हालाँकि खाद्य विभाग ने सभी तरह के चावल की निर्यात नीति में कोई भी बदलाव नहीं किया है। केवल बासमती के अलावा दूसरे चावलों के निर्यात पर बैन लगाया गया है।

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