दिल्ली। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है। जाहिर तौर पर लोकसभा के आंकड़े विपक्ष के खिलाफ है और एनडीए को स्पष्ट बहुमत है, फिर भी ऐसा क्यों किया जा रहा है? इसके पीछे विपक्ष का एक जिद है।
इस तरह अपनी जिद पूरी कर लेगा विपक्ष
जब से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है, विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। सरकार चर्चा के लिए तैयार हो गई, तो नई मांग रख दी गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में आकर इस पर बयान दे। दरअसल, यही वो जिद है, जिसने हार तय होने के बाद भी विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर किया है।
विपक्षी नेताओं को पता है कि अविश्वास प्रस्ताव आया तो चर्चा होगी और वोटिंग से ठीक पहले प्रधानमंत्री जवाब देंगे। इस तरह अविश्वास प्रस्ताव के जरिए ही सही, विपक्षी पीएम मोदी को सदन में बोलने को मजबूर करेगा।
नियमानुसार, अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब प्रधानमंत्री को देना होता है, जबकि मणिपुर पर चर्चा हुई, तो उसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह देंगे।
क्या हुआ था जब पिछली बार आया था अविश्वास प्रस्ताव
मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्षी दल, जानिए पिछली बार क्या हुआ था
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने यह साफ कर दिया है कि वह तब तक अपने रुख पर कायम रहेगा, जब तक कि प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर सदन में बयान नहीं दे देते।