लंबे समय तक पन्ना टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को बाघ का दीदार कराने वाली वत्सला कभी मां नहीं बन सकी। लेकिन दूसरी हथिनियों के 25 से अधिक बच्चों की देखभाल की। हथिनियों के प्रसव के समय दाई की अच्छी भूमिका अदा की। देश की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला इस समय बीमार है। जन्म से संबंधित प्रमाण के अभाव में वत्सला के शतायु होने अधिकारिक घोषणा नहीं हो पाई लेकिन प्राणी विशेषज्ञ इसे सौ वर्ष से अधिक का बताते हैं। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में सबसे उम्रदराज हाथी का नाम दर्ज कराने पन्ना टाइगर रिजर्व ने बहुत प्रयास किए। कुछ दिनों पूर्व वत्सला के गिर चुके दांतों को कार्बन डेटिंग के लिए भेजा गया है।
वत्सला की जन्मभूमि केरल के नीलांबुर वन मंडल में भी उसकी जन्मतिथि का प्रमाण कोई प्रमाण नहीं है। वर्ष 1972 में वह 50 वर्ष की आयु में पन्ना टाइगर रिजर्व पहुंची थी। यहां वह पर्यटकों को बाघ दिखाया करती थी। इसके पूर्व वह होशंगाबाद वन मंडल में लकड़ी ढुलाई का काम करती थी। वत्सला केरल में वयस्क हुई और वनोपज परिवहन का काम करने लगी। हाथियों की आयु दांतों की गणना से होती है लेकिन वत्सला के पूरे दांत गिर चुके हैं । नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय, जबलपुर के स्कूल आफ वाइल्ड लाइफ फारेंसिक एंड हेल्थ की प्रभारी संचालक डा. शोभा जावरे ने बताया कि पिछले वर्ष उसे मलनिकासी में तकलीफ हुई थी जिसका उपचार कराया गया।
दुनिया में इतनी वृद्ध हाथिनी और कहीं नहीं है
पन्ना टाइगर रिजर्व के पूर्व फील्ड डायरेक्टर आर श्रीनिवास मूर्ति बताते हैं कि वह निश्चित तौर पर शतायु है और इसके अलावा दुनिया में इतनी वृद्ध हाथिनी और कहीं नहीं है। पन्न टाइगर रिजर्व पार्क के फील्ड डायरेक्टर, बृजेंद्र कुमार झा का कहना है कि वत्सला की आयु का पता लगाने के लिए हैदराबाद स्थित सेंटर फार सेलुलर एंड माल्युक्यूलर बायोलाजी लैब से संपर्क साधा गया था लेकिन उन्होंने हथिनी की टूटी हुई दाढ़ों से कार्बन डेटिंग करने स मना कर दिया। पार्क के वेटरनरी डाक्टरों से सलाह मशविरा कर हथिनी के दांतों से आयु पता लगाने के लिए अन्य संस्थानों का पता किया जा रहा है।
कई वर्षों से हाजमा बिगड़ा, सेमिसालिड पदार्थ खा रही है
पन्ना टाइगर रिजर्व में वत्सला की देखरेख कर रहे डा संजीव गुप्ता का कहना है कि पिछले कई वर्षों से हथिनी का हाजमा बिगड़ा हुआ है उसे सेमिसालिड पदार्थ खाने के लिए दिया जा रहा है। वत्सला को बिल्कुल दिखाई नहीं देता लेकिन वह सूंड के सहारे चलती फिरती है। नेशनल बोर्ड आफ वाइल्ड लाइफ के सदस्य और इकोलाजिस्ट आर सुकुमार दावा करते हैं कि वत्सला दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी है। वत्सला का परीक्षण कर चुके सुकुमार ने बताया कि केरल के उत्तरी मालाबार में 1948 में पेरी (89) नाम की मादा हथिनी की मृत्यु हुई थी सबसे अधिक आयु वाले हाथियों की सूची में पेरी शामिल है। तमिलनाडु के मुदुमलाई नेशनल पार्क में सारा, रति, गोदावरी कई ऐसी हथनियां थीं जो 70 वर्ष तक जीवित रहीं।
मादा हाथी होती है समूह की मुखिया
हाथी मातृ सत्तात्मक होते हैं। समूह का नेतृत्व सबसे उम्रदराज मादा हाथी करती है। प्रसव और मृत्यु के समय हाथियों का झुंड एकत्र हो जाता है। प्रसव के समय सूंड से मादा हथिनी को सहलाकर भावनात्मक संबल प्रदान किया जाता है। हाथी के बच्चों को बाघों से बचाना और उन्हें सावधान रहने का प्रशिक्षण भी मादा हाथी देती हैं।