ग्लोबल इंवेस्टर समिट इंदौर में 9 से 11 जनवरी 2023 को होगी: मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए विकसित रोडमेप में निर्धारित सभी गतिविधियों का क्रियान्वयन समय-सीमा निर्धारित कर सुनिश्चित करें। प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 9 से 11 जनवरी 2023 को इंदौर में ग्लोबल इंवेस्टर समिट होगी। प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए विश्व के विभिन्न देशों में पदस्थ भारत के राजदूतों से सम्पर्क कर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं से विभिन्न देशों के निवेशकों को अवगत कराया जाए। साथ ही प्रदेश से विभिन्न देशों में भेजी जा सकने वाली सामग्री को भी प्रोत्साहित किया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा भी विदेशों में प्रदेश की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसके लिए विदेश मंत्रालय का सहयोग भी लिया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ‍मंत्रालय में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जो सामग्री मध्यप्रदेश में उत्पादित हो रही है, उसकी प्रोसेसिंग प्रदेश में हो, यह सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता से कार्यवाही की जाए। कृषि, उद्यानिकी उत्पादों और खनिज उत्पादों की प्रोसेसिंग की यूनिट लगाने और आवश्यक श्रेष्ठम प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। साथ ही आयात प्रतिस्थापन में देश, विदेश के साथ अन्य प्रदेश से आ रही सामग्री की एसेम्बलिंग के लिए भी आवश्यक व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे प्रदेश में रक्षा उपकरणों के उद्योग की स्थापना के लिए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों से संबंधित जो गतिविधियाँ लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम में शामिल हैं, उनका क्रियान्वयन समय-सीमा में सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में प्रदेश को प्रमुख खाद्य तेल उत्पादक बनाने की कार्य-योजना, भोपाल और इंदौर में नए आईटी पार्क के विकास, फार्मा स्यूटिकल्स क्षेत्र के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चम्बल एक्सप्रेस-वे तथा नर्मदा एक्सप्रेस-वे की निकटता वाले क्षेत्रों की औद्योगिक क्षमता का आकलन कर उन क्षेत्रों में प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने पर विमर्श हुआ। साथ ही खाद्य प्र-संस्करण, कपड़ा, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक, परिधान और हॉर्डवेयर निर्माण जैसे श्रम सघन क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।

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