भोपाल, खचाखच भरा हुआ दशहरा मैदान, चारों ओर भीड़ का नजारा, कई लोग मैदान के बाहर खड़े होकर अपने बच्चों को कंधे पर उठाकर रावण दहन और आतिशबाजी का नजारा दिखा रहे थे, आसपास बनी पहाड़ियों पर खड़े होकर भी लोग रावण दहन का नजारा देखने के लिए व्याकुल थे। हजारों की भीड़ दोनों हाथ उठाकर जयकारे लगा रही थी, जिसकी गूंज पूरे क्षेत्र में थी। लोग रावण दहन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और तकरीबन पौने दस बजे श्रीराम ने मंच से अग्नि बाण चलाया और दशानन के एक-एक सिर जलते हुए जमीन पर गिने लगे। यह दृश्य था कोलार के बंजारी दशहरा मैदान में आयोजित प्रदेश के सबसे बड़े (105 फीट ) रावण दहन का। कोलार हिन्दू उत्सव समिति, दैनिक भास्कर और विक्रमादित्य महाविद्यालय की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के हजारों लोग साक्षी बने। शाम होते ही दशहरा मैदान में लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। भीड़ का आलम यह था कि खचाखच भरे मैदान के साथ घरों की छतों और दूर पहाड़ी पर खड़े होकर लोग रावण दहन और आतिशबाजी का नजारा देखने के लिए एकत्रित थे। मंच से श्रीराम ने अग्निबाण छोड़ा, जो रावण को जाकर लगा। इसके बाद 105 फीट ऊंचा रावण का पुतला धूं-धूं कर जलने लगा। दस शीश वाले रावण का एक-एक सिर जमीन पर गिरने लगा और पूरा मैदान जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। इसके पहले 61 फीट मेघनांद और 65 फीट के कुंभकर्ण के पुतलों का भी दहन किया गया। साथ ही चंद्रयान-3 सफल परीक्षण का प्रतिरूप के सफल परीक्षण का प्रतिरूप दिखाया गया। इस मौके पर रामेश्वर शर्मा सहित अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। इस मौके पर हिंउस के अध्यक्ष महेश मीना, सचिव रवीन्द्र यती, अखिलेश शुक्ला, राजीव शर्मा, राजीव दीक्षित, सुनील सिंह, आदित्य नारोलिया, हरीश यादव, बजरंग भगत, ममता राय, आराधना तोमर सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
आतिशबाजी से रोशन हुआ आसमां
रावण दहन के बाद रंगारंग आतिशबाजी जयपुर और बांदा के कलाकारों द्वारा की गई, जिन्होंने चक्कर, फ्लावर सहित रंग बिरंगी आसमानी आतिशबाजी की। आतिशबाजी का यह दौर देर रात तक चलता रहा। इसी प्रकार मंच से डिजिटल आतिशबाजी का लुफ्त भी लोगों ने उठाया। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति रावण दहन के पूर्व दिल्ली, मुंबई और स्थानीय कलाकारों ने विभिन्न धार्मिक प्रसंगों पर आधारित समूह नृत्य, भजनों पर नृत्य की प्रस्तुतियां दी, इसके साथ ही भजन गायकों द्वारा श्रीराम जानकी बैठे है मेरे सीने में, दुनिया चले ना श्रीराम के बिना, रामजी की निकली सवारी सहित अनेक भजनों की प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी प्रकार नाट्यश्री के कलाकारों ने समूह नृत्य, महिषासुर मर्दिनी की आकर्षक प्रस्तुति से उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।
पुरस्कार वितरण, सम्मान समारोह, ट्रायसाइकिल वितरण
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने भगवान श्रीराम की महाआरती की। इस मौके पर पुरस्कार वितरण और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें श्रद्धेय विजेश लूणावत युवा पुरस्कार खिलाड़ी आशी चौकसे के परिजनों को सौंपा गया। कार्यक्रम के दौरान दो दिव्यांगजन आकाश दुबे और योगेंद्र कुमार को आयोजन समिति की ओर से ट्रायसाइकिल भेंट की गई।