अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लगातार तीसरे बार सत्ता में नहीं आई तो भारतीय शेयर बाजार में सुनामी आ सकती है. शेयर बाजार 25 फीसदी तक धराशायी हो सकता है. ये आशंका जाहिर किया है दुनिया के दिग्गज निवेशक जेफ्फरीज के क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने.
शेयर बाजार का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर
बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समित 2023 को संबोधित करते हुए क्रिस वुड ने शेयर बाजार के लिए सबसे बड़े जोखिम का जिक्र करते हुए कहा कि अगर सत्ताधारी दल 2024 में लगातार तीसरे बार सत्ता में नहीं आई तो भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती है. हालांकि क्रिस्टोफर वुड ने साथ में ये भी कहा कि इसके आसार बेहद कम नजर आ रहे.
2024 में हो सकती है 2004 की पुनरावृत्ति!
दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने 2004 के लोकसभा चुनाव में शिकस्त दी थी जिसकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी. चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद तब शेयर बाजार में लगातार दो दिनों तक लोअर सर्किट लगा था. क्योंकि यूपीए सरकार वामपंथी दल सीपीएम के समर्थन से बन रही थी जो आर्थिक सुधारों की धुरविरोधी थी. क्रिस वुड ने 2004 को याद करते हुए कहा कि 2004 में जो हुआ अगर वैसा ही 2024 में होता है तो शेयर बाजार में 25 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. हालांकि उन्होंने ये भी साथ में कहा कि उतने ही तेजी के साथ बाजार फिर से ऊपर भी आ जाएगा.
नरेंद्र मोदी की जीत ने भरा बाजार में जोश
बात करें 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों की तो 16 मई 2014 को जिस दिन वोटों की गितनी हो रही थी जैसे ही स्पष्ट हो गया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बहुमत वाली एनडीए सरकार बनने जा रही है. उस दिन पहली बार बीएसई सेंसेक्स 25,000 के लेवल को पार करने में कामयाब रहा था. सेंसेक्स में 1450 अंकों से ज्यादा का उछाल देखने को मिला था. एनएसई का निफ्टी भी पहली बार दिन के ट्रेड में 7500 के आंकड़े को पार करने में सफल रहा था. हालांकि बाजार बंद होने से पहले मुनाफावसूली लौट आई और सेंसेक्स महज 216 अंकों के उछाल के साथ 24121 और निफ्टी 75 अंकों के उछाल के साथ 7200 के करीब बंद हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी से उत्साहित बाजार
2019 के लोकसभा चुनाव के वोटिंग की गिनती वाले दिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनने के रूझान सामने आने के बाद पहली बार दिन के ट्रेड में बीएसई सेंसेक्स 40,000 के आंकड़े को पार करने में सफल रहा था. निफ्टी 12000 के पार जाने में सफल रहा जो ऐतिहासिक रिकॉर्ड लेवल था. हालांकि बाजार बंद होने पर दोनों ही इंडेक्स लाल निशान में क्लोज हुआ. सेंसेक्स 298 की गिरावट के साथ 38811 और निफ्टी 80 अंकों की गिरावट के साथ 11657 अंकों पर क्लोज हुआ था.