पति के दीर्घायु के लिए आज सुहागिन महिलाएं रखेंगी निर्जला व्रत, करवाचौथ से पहले रचाई हाथों में मेहंदी

women will keep Nirjala fast

 

पति के दीर्घायु के लिए आज बुधवार को सुहागिन महिलाएं पूरे दिन करवाचौथ का निर्जला व्रत रखेंगी। दोपहर में करवाचौथ की कथा और रात्रि में पूजन के पश्चात छलनी से चंद्रमा को देखेंगी और अर्घ्य देकर पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारणा करेंगी। इससे पहले मंगलवार को दिनभर बाजार में उल्लास छाया रहा। पूजन सामग्री और मिट्टी का करवा (कलश) श्रृंगार सामग्री की खूब खरीदारी की गई। हाथों में मेहंदी रचाने के लिए नवविवाहिताओं में विशेष उत्साह दिखाई दिया। मेहंदी लगाने सुहागिनों की इतनी भीड़ लगी रही कि बैजनाथपारा में सड़क पर पंडाल लगाना पड़ा। सुहागिनों ने व्रत रखने से पहले रात्रि में ही फल मिठाई और मेवों का सेवन करके सरगी खाने की परंपरा निभाई।

 

इसलिए देखती हैं छलनी से चांद

करवा चौथ की कथा के अनुसार सात भाइयों की बहन ने व्रत रखा। भूखे रहने पर भाइयों से अपनी बहन की दशा देखी नहीं गई। एक भाई ने छलनी की ओट में दीप प्रज्वलित कर कहा कि चांद निकल आया। बहन ने व्रत तोड़ दिया। बाद में जब बहन को पता चला कि भाइयों से उसकी दशा नहीं देखी गई इसलिए बहन को भूख से बचाने के लिए भाइयों ने छल से छलनी की ओट में दीप जलाकर चंद्रमा दिखवाने का नाटक किया था। इससे बहन दुखी हो गई। बहन ने पूरे साल चतुर्थी का व्रत रखा। करवा चौथ पर अपने हाथ में छलनी लेकर चांद के दर्शन किए। इसके बाद से छलनी से चांद देखने की परंपरा शुरू हुई।

 

एक नवंबर को रात 8.15 बजे चंद्रोदय की संभावना

करवा चौथ पर चंद्रोदय एक नवंबर की रात्रि 8.15 बजे चंद्रोदय की संभावना है। शाम 5.36 से 6.54 के शुभ मुहूर्त में पूजन किया जाएगा। पूजन के लिए एक घंटा 18 मिनट का समय मिलेगा। 2023 में करवा चौथ पर चार योगों का संयोग बन रहा है। लगभग एक सदी के पश्चात मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान हो रहे हैं। दोनों के एक साथ होने से बुधादित्य योग का संयोग बन रहा है।

करवा चौथ पर सुहाग सामग्री का करें दान

ज्योतिषाचार्य डा. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार करवा, कलश में चावल, उड़द दाल, सुहाग सामग्री भरकर सास के चरण छूकर सास को अथवा किसी बुजुर्ग महिला को अथवा ब्राह्मण को दान करें। दान में सफेद वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। साथ ही सुहागिनें कैंची, चाकू का उपयोग न करें।

रात 10.42 बजे से प्रारंभ होगी चतुर्थी

31 अक्टूबर की रात्रि 10.42 बजे चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी। एक नवंबर की रात्रि 9.19 बजे तक चतुर्थी तिथि रहेगी। सूर्योदय के समय अर्थात उदया तिथि में पड़ने वाली तिथि को महत्व दिए जाने से एक नवंबर को करवा चौथ मनाई जाएगी। सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र और सुख, समृद्धि के लिए दिनभर व्रत रखकर शाम को पूजन करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारणा करेंगी।

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