Elvish Yadav: मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, कितने साल की सजा हो सकती है?

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Elvish Yadav Case: बिगबॉस विनर और मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. दरअसल, रविवार को नोएडा पुलिस ने एल्विश को सांप के जहर की तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर लिया था.

पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद एल्विश को सूरजपुर कोर्ट में पेश किया जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अब ऐसे में सोशल मीडिया पर कई लोग ये सवाल पूछ रहे हैं कि जिन धाराओं में एल्विश पर केस दर्ज हुआ है, उनमें मैक्सिमम कितनी सजा हो सकती है. चलिए आज आपको एल्विश यादव केस के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से देते हैं.

क्या था पूरा मामला

पिछले साल यानी नवंबर 2023 में नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव समेत सात लोगों के खिलाफ सांप के जहर की तस्करी के मामले में एक केस दर्ज किया था. इस मामले में तब नोएडा पुलिस ने सेक्टर 51 के सेवरोन बैंक्वेट हॉल से पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया था. इनमें राहुल, टीटूनाथ, जय करन, नारायण और रविनाथ थे.

इन लोगों के पास से 20 मिली सांप का जहर, 9 जिंदा सांप, जिनमें 5 कोबरा, एक अजगर, 2 दो मुहे सांप और एक रेड स्नेक भी बरामद हुआ था. उस समय कहा गया कि इन पांचों की गिरफ्तारी बीजेपी नेता मेनका गांधी की एनिमल वेलफेयर संस्था पीएफ की पहल पर हुई. हालांकि, एल्विश उस समय गिरफ्तार नहीं हुए थे.

अब इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस

अब पर्याप्त सबूतों के आधार पर नोएडा सेक्टर 49 की पुलिस ने एल्विश यादव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. फिलहाल इस केस की विवेचना सेक्टर 20 की पुलिस कर रही है. जानकारी के अनुसार, एल्विश यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 284, 289, 120बी और वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 की धारा 9, 39, 48, 49, 50, 51 के तहत केस दर्ज हुआ है. इसके अलावा आरोपियों से बरामद सांप के जहर की जांच के बाद इस मामले में एनडीपीएस ऐक्ट की धाराएं बढ़ा दी गई हैं.

इन धाराओं में कितनी सजा हो सकती है

पहले तो एनडीपीएस एक्ट को समझ लीजिए. दरअसल, एनडीपीएस एक्ट यानी नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट का इस्तेमाल किसी के खिलाफ तब किया जाता है, जब मामला किसी तरह के घातक बैन ड्रग्स से जुड़ा हो. स्नेक वेनम को भी ड्रग्स की तरह इस्तेमाल किया जाता है. यही वजह है कि इस मामले में NDPS एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. इस एक्ट में अगर आरोप सिद्ध होते हैं तो आरोपी को 10 से 20 साल की सजा हो सकती है और उस पर 1 से 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

वहीं वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट की जिन धाराओं के तहत एल्विश पर मामला दर्ज हुआ है, उनमें तीन से सात साल की सजा हो सकती है. जबकि, आईपीसी की धारा 284 और 289 के तहत अगर किसी पर आरोप सिद्ध होता है तो उसे 6 महीने की जेल हो सकती है और एक हजार रुपये का जुर्माना भी लग सकता है. वहीं आईपीसी की धारा 120बी के तहत अगर आप पर आरोप साबित हुए तो आपको उम्रकैद या 2 साल या उससे अधिक समय की कठोर कारावास की सजा हो सकती है.

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