मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने 35 नर्सिंग कालेजों की संबद्धता व मान्यता की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग कालेजों की संबद्धता व मान्यता में गड़बड़ी एक बड़ा घोटाला है। प्रथम दृष्टया मान्यता और संबद्धता देने में कमियां मिली हैं, इसलिए भारतीय नर्सिंग परिषद, मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर की भूमिका की जांच की जाए।
कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक को आदेश दिया है कि जांच के लिए अधिकारी नियुक्त करे। सीबीआइ को जांच के लिए सुविधाएं मध्य प्रदेश शासन उपलब्ध कराएगा। जांच 35 कालेजों की होगी। सीबीआइ को तीन महीने में जांच खत्म कर जनवरी में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
भोपाल के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर जिन 35 कालेजों का रिकार्ड जब्त करके लाए थे, वह हाई कोर्ट के प्रिसिंपल रजिस्ट्रार की निगरानी में रखा जाएगा और जांच अधिकारी नियुक्त होने के बाद यह उसे सौंप दिया जाएगा। पांच जनवरी, 2023 को याचिकाओं की फिर से सुनवाई होगी। याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित आर्या व न्यायमूर्ति एमआर फडके ने की। सुनवाई के दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग के डीएमई डा. जितेन शुक्ला, भारतीय नर्सिंग परिषद की सचिव कर्नल सरबजीत सिंह कौर, सीबीआइ के डीएसपी दीपक पुरोहित मौजूद रहे।