नये साल में बढ़कर मिलेगा लाडली बहनों को पैसा!

नये साल में लाड़ली बहनों को खुशखबरी मिल सकती है। उनको हर माह मिलने वाली राशि में इजाफा करने की तैयारी चल रही है। सूूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम मोहन यादव के इशारे के बाद अब नयी योजना बनायी जा रही है। दरसअल, मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई महिला वोटरों का असर महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में दिखा है। महाराष्ट्र में शुरु की गई ‘लाड़िकी बहिन योजना’ और झारखंड में चल रही ‘मैया सम्मान योजना’ ने पूरा सियासी खेल ही बदल कर रख दिया।

महिलाओं के लिए लाड़ली बहना जैसी योजना को शुरु करने का पूरा क्रेडिट एमपी को ही जाता है। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि वचन पत्र में किए गए वादे के अनुसार मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना की राशि तीन हजार रुपए की जाएगी या नहीं। हालांकि, योजना की राशि बढ़ाने को लेकर सीएम मोहन भी कई बार ऐलान कर चुके हैं।अब उस पर अमल की बारी है।

महिला वोटरों पर भाजपा की नजर

महिला वोटरों का कितना गहरा असर हो सकता है। ये मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में साबित हो गया था। मध्यप्रदेश की ट्रंप कार्ड योजना लाड़ली बहना योजना ने हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के बड़ी जीत दिलाई है। करीब-करीब हर राज्य ने चुनाव के पहले महिलाओं के लिए योजना को शुरु किया। लाड़ली बहना योजना का ट्रंप कार्ड बीजेपी के लिए हरियाणा, महाराष्ट्र में सुपरहिट रहा है। हालांकि, झारखंड में विपक्षी दल की योजना पहले से चल रही थी। जिस वजह से बीजेपी महिलाओं के जरिए रास्ता नहीं बना पाई।

एमपी में बहनों को सबसे कम राशि

बीजेपी शासित राज्यों में मध्यप्रदेश में ही लाड़ली बहनों को सबसे कम राशि दी जा रही है। महाराष्ट्र में लाड़िकी बहिना योजना के अंतर्गत 1500 रुपए दिए जा रहे है। चुनावी वादे के मुताबिक इस राशि को 2100 रुपए तक बढ़ाया जाएगा। हरियाणा में भी बहनों को 1500 रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन वचन पत्र के मुताबिक 2100 रुपए तक देने की बात कही गई थी। हालांकि सबसे कम राशि झारखंड में 1 हजार रुपए दी जा रही है।

1500 तक हो सकती है राशि?

प्रदेश की मोहन सरकार पर लाड़ली बहना योजना की राशि तीन हजार तक करने का दवाब लगातार बढ़ रहा है। राशि को बढ़ाने का वादा बीजेपी ने अपने वचन पत्र में भी किया था। अभी एमपी की 1.29 करोड़ बहनों को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है। बुधनी और विजयपुर में चुनावी सभा में सीएम डॉ मोहन यादव ने राशि को तीन हजार तक करने का ऐलान किया था।

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