स्कूल में बच्चों को Santa Claus बनाने के लिए लेनी होगी अनुमति, बाल संरक्षण आयोग ने दिया कलेक्टरों को आदेश

ईसाई धर्म के सबसे बड़े त्यौहार क्रिसमस को अब 2 हफ्ते से भी कम का समय बचा है। इस त्यौहार के दौरान निजी विद्यालयों में फैंसी ड्रेस कार्यक्रम का आयोजन होता है। अब इस आयोजन को लेकर एमपी बाल संरक्षण आयोग ने शिक्षा विभाग और कलेक्टर्स को बड़ा आदेश दिया है। आयोग ने आदेश दिया है कि अभिभावकों की अनुमति के बिना कोई भी स्कूल बच्चे को संता क्लॉस (Santa Claus) या अन्य कोई और वेशभूषा नहीं पहनाई जाएगी।
आदेश में पिछले कुछ सालों में स्कूलों में आयोजन के दौरान मिली शिकायतों का हवाला दिया गया है। संता क्लॉस (Santa Claus) ईसाई धर्म का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस तरह के कार्यक्रमों को लेकर हिंदू परिवारों को आपत्ति होती है। पिछले कुछ सालों में बहुत से अभिभावकों ने शिकायत की है कि स्कूल की ओर से उन्हें सैंटा की ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है।
2023 में भी आया था आदेश
बता दें कि, ऐसा ही एक और आदेश पिछली साल भी ऐसा ही एक आदेश दिया गया था। इस आदेश में लिखा था कि स्कूल बच्चों को किसी भी प्रकार की वेशभूषा धारण करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। इसके लिए स्कूल को अभिभावकों से लिखित अनुमति लेनी होगी। आदेश में लिखा गया था कि जो भी स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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