राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को स्लोवाकिया के कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर विश्वविद्यालय ने मानद डिग्री होनोरिस कौसा प्रदान की
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को स्लोवाकिया के नित्रा में कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर विश्वविद्यालय ने मानद डिग्री होनोरिस कौसा प्रदान की है। राष्ट्रपति को लोक सेवा और शासन में उनके विशिष्ट कार्यों, सामाजिक न्याय और समावेशन की वकालत और शिक्षा, महिलाओं के सशक्तीकरण, सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के संरक्षण तथा संवर्धन में योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
भारत की राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा परिवर्तन का एक साधन है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं शिक्षक से लेकर लोक सेवक और फिर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने शिक्षा को अपनी नीतियों के केंद्र में रखा है। देश की नई शिक्षा नीति अनुसंधान, नवाचार और वैश्विक सहयोग पर केंद्रित है।
स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलिग्रिनी ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति की यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ते और गतिशील संबंधों में एक सार्थक मील का पत्थर है। कॉन्स्टेंटाइन द फिलॉसफर यूनिवर्सिटी, नित्रा प्रमुख स्लोवाकियाई विश्वविद्यालयों में से एक है। होनोरिस कॉसा एक मानद शैक्षणिक उपाधि है, जो विश्वविद्यालय द्वारा उन असाधारण व्यक्तियों को प्रदान की जाती है, जिन्होंने शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।