लोकतंत्र पर कब्जे के प्रयास में चुनाव आयोग शामिल हो गया – दिग्विजय

*लोकतंत्र पर कब्जे के प्रयास में चुनाव आयोग शामिल हो गया – दिग्विजय*

इंदौर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि देश में लोकतंत्र पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य में चुनाव आयोग भी शामिल हो गया है। लोकतंत्र के समक्ष यह खतरा बड़ा है। इस स्थिति को हमें समझना होगा।
वे आज यहां स्टेट प्रेस क्लब म प्र द्वारा आयोजित तीन दिवसीय भारतीय पत्रकारिता महोत्सव के अंतिम दिन पहले सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब हम राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हैं तो हमें आलोचना सहने की आदत होना चाहिए। भारत में हम आज के हालात पर नजर डालें तो स्मरण होता है कि 1947 में देश की आजादी के समय पर देश में लोकतंत्र या एक तंत्र को लाने का विकल्प मौजूद था। उस समय पर लोकतंत्र लाना पसंद किया गया। देश की जनता को एक समान अधिकार दिया गया। उस समय पर विश्व के कई विकसित देशों में महिलाओं को मताधिकार नहीं दिया गया था लेकिन भारत में दिया गया। इस समय एक नेशन एक इलेक्शन की बात की जा रही है मैं कहता हूं कि एक कानून का पालन क्यों नहीं किया जाता है। हाल ही में सरकार के द्वारा जो वक्फ संशोधन अधिनियम लाया गया है वह भेदभाव को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि जब हिंदुओं के धर्मस्थल की व्यवस्था में कोई गैर हिंदू नहीं हो सकता है, ऐसा ही दूसरे धर्म में भी सरकार ने प्रावधान कर रखा है तो फिर वक्फ बोर्ड में कोई गैर मुस्लिम कैसे हो सकता है। देश के हालात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने देश में लोकतंत्र को जीवित रखना है तो निष्पक्ष चुनाव आयोग होना चाहिए। यदि चुनाव आयोग पक्षपात के साथ काम करेगा तो स्थिति बदल जाएगी। आज हालात यह है कि चुनाव आयोग विपक्षी दलों को मिलने का समय नहीं देता है हमारे द्वारा हस्ताक्षर कर तैयार किए गए मेमोरेंडम को रिसीव नहीं किया जाता है। चुनाव के समय पर मतदाता सूची नहीं देते हैं। इस बारे में जब सवाल उठाया जाता है तो उसका भी कोई जवाब नहीं आता है। देश में निष्पक्ष चुनाव होना आवश्यक है। हर मतदाता का यह अधिकार है कि वह मतदान करें, वह जिसे वोट दे रहा है वह वोट उसी को मिले और उस वोट की बराबर गणना हो।
उन्होंने कहा की मशीन पर मुझे भरोसा नहीं है। इस समय विश्व के जिस भी देश में ईवीएम मशीन का उपयोग किया जा रहा है वहां पर यह बात पब्लिक के बीच में रख दी गई है कि इस मशीन में कौन से सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। भारत में हम कई बार पूछ चुके हैं लेकिन यह नहीं बताया जा रहा है कि इस मशीन में कौन से सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। हाल ही में अमेरिका की ओर से भी यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस मशीन से होने वाले चुनाव निष्पक्ष नहीं है। मेरा कहना है कि मतपत्र पर चुनाव होना चाहिए। वीबीपेट मशीन की स्लिप की गणना की जाना चाहिए। यह स्लिप मतदाता को दी जाना चाहिए और वह एक सेल की हुई पेटी में इस स्लिप को डालें।
अपनी बात को आगे बढ़ते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कहा जाता है कि जब मत पत्र से मतदान होता था तो उस समय पर मतदान केंद्र पर कब्जा किया जाता था मैट पीटी लूट ली जाती थी। अब जो इवीएम की कैप्चरिंग हो रही है वह क्या किसी को नहीं दिखती है ‌। इस समय देश में लोकतंत्र पर कब्जा करने का प्रयास हो रहा है और इस प्रयास में इलेक्शन कमीशन भी पार्टी बन गया है यदि सरकार में साहस है तो उसे इस पर खुलकर बात करना चाहिए। हम लोग 2047 की बात कर रहे हैं तो सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि उसे समय तक देश में लोकतंत्र रहेगा या एक तंत्र रहेगा यह कहना अभी संभव नहीं है।

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