पाकिस्तान ने मानी आतंकी-सेना गठजोड़ की बात
भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच तनाव जगजाहिर है। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के जवाब देने के लिए भारत ने सफलतापूर्वक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) को अंजाम दिया। इससे बौखलाकर पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमला किया, जिन्हें भारत ने नाकाम कर दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया। दोनों देशों के बीच सीज़फायर की बात के बावजूद कुछ शहरों में अभी भी ड्रोन्स दिख रहे हैं, जिन्हें भारतीय सेना ढेर कर रही है। भारत लंबे समय से पाकिस्तानी सेना और आतंकियों में मिलीभगत का आरोप लगाता आया है और अब इसकी पुष्टि भी हो गई है।
पाकिस्तानी सेना ने खुद ही दिया सबूत
पाकिस्तान की सेना ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान खुद ही सबूत दे दिया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने जिन लोगों को मारा, वो सभी आतंकी थे। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना ने जो तस्वीरें दिखाई, उसमें आतंकियों की मौत के बाद जो शख्स नमाज पढ़ता नजर आ रहा है, वो शख्स भी कुख्यात आतंकी ही है। इस दौरान सेना के कई अधिकारी भी वहाँ मौजूद थे जिससे साफ होता है कि पाकिस्तान में आतंकी-सेना गठजोड़ है।
सेना ने आतंकी को बताया बेगुनाह, खुली पोल
आतंकियों की मौत के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए नमाज पढ़ने वाले आतंकी का नाम हाफिज अब्दुर रऊफ है, जो एक कुख्यात आतंकी है। हालांकि हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तानी सेना के मुख्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि रऊफ एक बेगुनाह पारिवारिक व्यक्ति है, जिसका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है। अहमद ने सबूत के तौर पर रऊफ की पहचान संबंधी जानकारी भी दिखाई। लेकिन ऐसा करके अहमद ने खुद ही इस बात के पुख्ता सबूत दे दिए कि रऊफ वाकई लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी ही है, जैसा कि भारत ने दावा किया था। अहमद ने रऊफ को बेगुनाह बताते हुए जो जानकारियाँ सार्वजनिक की हैं, वो अमेरिकी सरकार के प्रतिबंधित आतंकियों के डेटाबेस में हाफिज अब्दुल रऊफ के विवरण से पूरी तरह मेल खाती है।