भोज विवि में अनियमितता की जड़ें गहरी, मंत्री परमार का आश्वासन भी बेअसर
भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित भोज मुक्त विश्वविद्यालय में अनियमितताओं की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का सदन में दिया गया आश्वासन भी ध्वस्त साबित हो रहा है। विवि में की गई अवैध नियुक्तियों की जांच कर रहे आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (EOW) को भी जांच में बाधाएं झेलनी पड़ रही हैं।
भोज मुक्त विवि की गड़बड़ियों के किस्से विधानसभा के लगभग हर सत्र में गूंजते रहे हैं। बीते मानसून सत्र में कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने अपात्र व्यक्ति डॉ. सुशील मंडेरिया को कुलसचिव बनाए जाने का मामला उठाया था। जवाब में मंत्री परमार ने सदन में कहा था कि मंडेरिया की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने की कार्रवाई चल रही है।
दो माह बाद भी मंत्री की बात अधूरी
सदन में यह जवाब एक अगस्त को दिया गया था, लेकिन दो महीने बीतने के बाद भी डॉ. मंडेरिया न केवल अपने पद पर बने हुए हैं बल्कि विश्वविद्यालय से जुड़े अहम फैसले भी ले रहे हैं। कुलगुरु एवं अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता का कहना है कि “प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का निर्णय शासन को लेना है।”
नए कुलगुरु की आमद से पहले भुगतान की होड़
राजभवन ने प्रो. मिलिंद दत्तात्रेय दाण्डेकर को नया कुलगुरु नियुक्त किया है। उनके सख्त मिजाज की चर्चा के बीच विश्वविद्यालय में बकाया भुगतान निपटाने की हड़बड़ी मची हुई है।
सूत्रों के अनुसार, ऑडिट आपत्ति के बावजूद 35 लाख रुपये के भुगतान का प्रस्ताव कुलगुरु केसी गुप्ता तक पहुंचा, जिसे उन्होंने खारिज कर जिम्मेदारों को फटकार लगाई। आर्थिक गड़बड़ी के एक अन्य प्रकरण में असिस्टेंट रजिस्ट्रार नितिन सांगले को कारण बताओ नोटिस भी थमाया गया है।
ईओडब्ल्यू की दस्तावेज़ तलबी से हड़कंप
EOW ने 66 कर्मचारियों की अवैध नियुक्तियों की जांच के सिलसिले में कुलसचिव को नोटिस जारी कर 13 अक्टूबर तक सभी दस्तावेज तलब किए हैं। इस नोटिस के बाद विवि में हड़कंप मच गया है।
शासन ने पहले ही प्रवीण जैन समेत पांच कर्मचारियों के वेतन की रिकवरी के आदेश दिए थे, परंतु अब तक कोई वसूली शुरू नहीं हुई।
लायब्रेरी में आगजनी और गुम किताबों की जांच ठंडी
20 जुलाई को विवि के पुस्तकालय में लगी संदिग्ध आग की जांच भी ठंडे बस्ते में है। मौके से माचिस की तीलियां और अधजले कागज मिले थे। बताया जाता है कि पुस्तकालय से करीब 10 लाख रुपये की किताबें गायब हैं, लेकिन जांच अब तक अंजाम तक नहीं पहुंची।


















