छिंदवाड़ा, दिग्विजय से सत्ता छीनने वाली उमा अब भाजपा के लिए संकट बनकर उभर रही है अब कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पहुँचकर दिये नई रणनीति में भगवा जुड़ाव के संकेत। भाजपा की मुखर नेता व पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि भगवान राम और हनुमान की भक्ति पर भाजपा का कॉपीराइट नहीं है। भगवान राम और हनुमान भाजपा के कार्यकर्ता नहीं हैं। जब भाजपा का अस्तित्व नहीं था व जब मुगल शासन था, अंग्रेजों का शासन था, तब भी भगवान राम और हनुमान थे। अगर हम भाजपा वालों ने ये भ्रम पाल लिया है कि ‘ हमने आंखें खोली, तब सूरज चांद निकल आए, तो फिर ये हमारे लिए विनाशकारी साबित होगा।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा के सिमरिया में कमलनाथ द्वारा बनवाए गए हनुमान मंदिर पर कहा कि भगवान राम का भक्त कोई भी हो सकता है। उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के हथियार रखने के बयान का भी समर्थन किया। बोली शस्त्र रखना गलत नहीं है।
भाजपा से क्यों उखड़ी रहती हैं उमा भारती, चुनाव में दे सकती हैं कितनी टेंशन, समझें समीकरण
राम मंदिर आंदोलन की अग्रणी नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारत आजकल भाजपा पर बिफरी नजर आती हैं। कभी सीएम शिवराज सिंह चौहान के फैसलों पर सवाल उठाती हैं तो कभी लोधी समुदाय के बीच जाकर कहती हैं कि मैं आपसे भाजपा के लिए वोट देने को नहीं कहूंगी। यही नहीं इस पर सवाल उठे तो उमा भारती ने ट्वीट करके भी दोहराया कि मैंने ऐसा ही कहा था। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर उमा भारती और भाजपा के बीच तनाव क्यों है? कभी भाजपा की फायरब्रांड नेता रही उमा भारत पार्टी पर ही क्यों अकसर फायर हो रही हैं ? बेधड़क और बेबाक बोल के लिए चर्चित उमा भारती 2003 में उभरी थीं। मध्य प्रदेश में उन्होंने तत्कालीन सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ अभियान छेड़ा था और इसी के बाद वह सत्ता में आई थीं। हालांकि उनके लिए राजयोग कम दिनों का ही रहा और उनके स्थान पर शिवराज सिंह चौहान सीएम बन गए। यहीं से उमा भारती और भाजपा के रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे हो गए। शिवराज सिंह चौहान भी ओबीसी वर्ग से ही आते है, इसलिए उमा भारती के लिए भाजपा पर हमला करना कभी आसान नहीं रहा, लेकिन लोधी बिरादरी के वोटों पर जरूर वह अपना हक जताती रही उमा भारती को केंद्रीय नेतृत्व ने भी बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। ऐसे में उनके लिए खुद की जगह बनाना ही एक चुनौती है। इसी साल मार्च में उमा भारती ने मध्य प्रदेश में शराबबंदी का सुझाव दिया था। यहीं नहीं शराब की एक दुकान पर पत्थर तक मारे थे।