जयशंकर ने जी 20 बैठक से इतर कॉनरॉय और शुल्ज से मुलाकात की

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वाराणसी, 12 जून/ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को जी-20 देशों के विकास मंत्रियों की बैठक से इतर ऑस्ट्रेलिया
के विकास मंत्री पैट कॉनरॉय, जर्मनी के आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज़ के साथ बैठक की। ग्यारह से 13
जून तक चलने वाली यह बैठक वाराणसी में आयोजित की जा रही है। उन्होंने तीन दिवसीय जी20 विकास मंत्रियों की बैठक के मौके पर अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के लिए यूरोपीय संघ के आयुक्त जट्टा उरपिलेनन और संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) के महासचिव रेबेका ग्रिन्सपैन से भी मुलाकात की। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया ,“ 11 से 13 जून तक होने वाली जी20 विकास मंत्रियों की बैठक में लगभग 200 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के लिए यूरोपीय संघ के आयुक्त जट्टा उरपिलेनन के साथ एक अच्छी बैठक।” डॉ.जयशंकर ने यूएनसीटीएडी के शीर्ष अधिकारी के साथ अपनी बैठक के बारे ट्वीट किया, “जी20 बैठक पर चर्चा की। भारत की विकास साझेदारी पहलों के साथ ग्लोबल गेटवे के तालमेल के बारे में हमारी बातचीत को भी आगे बढ़ाया।” उन्होंने कहा कि वाराणसी में ऑस्ट्रेलिया के विकास मंत्री पैट कॉनरॉय का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। डॉ. जयशंकर ने कहा, “स्वाभाविक रूप से, हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ऑस्ट्रेलिया यात्रा के बारे में बात की। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे हमारे दोनों देश प्रशांत क्षेत्र में विकास के मुद्दों पर सहयोग कर सकते हैं।” उन्होंने जर्मनी के मंत्री के साथ अपनी बैठक के बारे में ट्वीट किया, ‘आर्थिक सहयोग और विकास के लिए जर्मन मंत्री के साथ जी20 विकास मंत्रियों की बैठक शुरू करने की खुशी स्वेंजाशुल्ज़ 68।हमारी साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई जिसे जी20 डीएमएम आगे ले जाना चाहता है। सतत विकास शिखर सम्मेलन और तीसरे देश की साझेदारी के बारे में भी बात की।” विदेश मंत्री जी 20 विकास मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक की शुरुआत में एक विशेष वीडियो संबोधन देंगे। एक बयान में कहा गया है कि वाराणसी में विकास मंत्रियों की बैठक विकास की बढ़ती चुनौतियों के बीच हो रही है। बैठक में बहुपक्षवाद: एसडीजी की ओर प्रगति में तेजी लाने के लिए सामूहिक कार्रवाई और हरित विकास: एक जीवन शैली (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) दृष्टिकोण पर दो मुख्य सत्र होंगे। सम्मेलन के प्रतिनिधियों को दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक, वाराणसी की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं की एक झलक दिखने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां आदि आयोजित की गयी हैं।

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