30 जून की सफारी के बाद बंद होंगे बांधवगढ़ के गेट, एक अक्टूबर को खुलेंगे

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उमरिया,28 जून/ जून के आखिरी दिन शाम की सफारी के बाद प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व के साथ बांधवगढ़ टाइगर
रिजर्व के गेट भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। पार्क के कोर जोन में अब तीन महीने तक पर्यटकों की चहलकदमी नहीं होगी, जिससे बाघों को एकांतवास का आनंद मिल सकेगा। हालांकि इस दौरान बांधवगढ़ के बफर में सफारी शुरू रहेगी और बफर में घूमने वाले पर्यटक रैनी सीजन में भी सफारी का आनंद उठा सकेंगे।

बाघों का संसर्ग काल
वर्षकाल में पार्क बंद करने की कई वजह होती हैं जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण वजह यह बताई जाती है कि इस समय बाघ बाघिन साथ रहते हैं। इस दौरान बाघ और बाघिन ज्यादा खुंखार हो जाते है यही कारण है कि उनके एकांत में पर्यटकों की वजह से खलल न पड़े इसलिए पार्क बंद कर दिया जाता है। वन्य प्राणी प्रेमी नरेन्द्र बगडि़या का कहना है कि वर्षाकाल के तीन महीने पार्क पूरी तरह से बंद रखा जाना चाहिए ताकि वन्य प्राणी सुकून के साथ रह सकें।
जंगल के अंदर कच्चे रास्तों पर पर्यटकों के वाहन चलते हैं। बारिश के दौरान कच्चे रास्ते वाहनों के लिए अनुकूल नहीं रहते।
बारिश के दौरान जंगल के अंदर वाहनों के कच्चे रास्तों में फंसने से किसी तरह का कोई हादसा न हो जाए इसका भी भय
बना रहता है। यह भी एक कारण है कि बारिश के दौरान जंगल के अंदर सफारी नहीं कराई जाती और पर्यटन को बंद कर दिया जाता है।

बफर में होगी सफारी
एक जुलाई से मध्यप्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व बंद हो रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी जंगल में वनराज को सुकून नहीं मिल
सकेगा। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में सभी पार्क के कोर जोन भले ही पर्यटकों के लिए बंद हो रहे हैं लेकिन बफर जोन
बारिश में भी खुले रहेंगे। इतना ही नहीं जिन पार्कों के बफर जोन में नाइट सफारी होती है वहां बारिश में भी नाईट सफारी
पूर्ववत जारी रहेगी।

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